त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार विपल्ब देव ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बिप्लब कुमार देव की छवि त्रिपुरा में बड़े बीजेपी नेता के तौर पर रही है। पिछले दिनें बिप्लब कुमार देव ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
अगरतल्ला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार विप्लब देब ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बिप्लब कुमार देव की छवि त्रिपुरा में बड़े बीजेपी नेता के तौर पर रही है। पिछले दिनें बिप्लब कुमार देव ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। माना जा रहा है पार्टी नेतृत्व के इशारे पर ही बिप्लब कुमार देव ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम त्रिपुरा में बीजेपी विधायकों की मीटिंग होगी जिसमें नए सीएम के नाम पर फैसला होगा। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से विपल्ब अपने बयानों को लेकर के काफी चर्चा में रहते थे। नीचे उनके द्वारा दिये गये वो बयान हैं जो बहुत ज्यादा चर्चा का विषय बने।
1: बिप्लब देब सबसे पहले महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट होने का दावा कर सुर्खियों में आए थे। बीते 18 अप्रैल को उन्होंने राजधानी अगरतला में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि देश में महाभारत युग में भी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिनमें इंटरनेट और सैटेलाइट भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि महाभारत के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठकर धृतराष्ट्र को बताया था कि कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध में क्या हो रहा है। संजय इतनी दूर रहकर आंख से कैसे देख सकते हैं, सो, इसका मतलब है कि उस समय भी तकनीक, इंटरनेट और सैटेलाइट था।
2: महाभारत युग में इंटरनेट वाला बयान चर्चा में था ही कि बिप्लब देब ने मिस वर्ल्ड डायना हेडन को लेकर विवादित बयान दे डाला। उन्होंने 27 अप्रैल को कहा कि, डायना हेडन इंडियन ब्यूटी नहीं हैं। डायना हेडन की जीत फिक्स थी. उन्होंने कहा कि डायना हेडन भारतीय महिलाओं की सुंदरता की नुमाइंदगी नहीं करतीं. ऐश्वर्या राय करती हैं।
3: एक के बाद एक अजीबोगरीब बयान देने वाले बिप्लब देब यहीं नहीं रुके। उन्होंने युवाओं को नौकरियों के बदले पान की दुकान खोलने की सलाह दे डाली। 29 अप्रैल को उन्होंने कहा कि, युवा कई सालों तक राजनीतिक दलों के पीछे सरकारी नौकरी के लिए पड़े रहते हैं। वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय यहां-वहां दौड़-भाग कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद करते हैं। मगर वही युवा सरकारी नौकरी तलाश करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान लगा ले तो उसके बैंक खाते में अब तक 5 लाख रुपए जमा होते।