सोमवार को उन्होंने कहा कि, देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है। इससे पहले उन्होंने महंत राजू दास के बयान पर पलटवार किया था। महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख ₹ भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।
लखनऊ। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करके स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) चौतरफा घिर गए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है। यही नहीं उनके सिर को तन से जुदा करने की भी धमकी दी जा रही है। हालांकि, कुछ लोग स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन भी कर रहे हैं। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है।
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) भी जमकर पलटवार कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि, देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है। इससे पहले उन्होंने महंत राजू दास के बयान पर पलटवार किया था। महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख ₹ भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।
सोमवार को स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है। आखिर ये भी तो हिन्दू ही हैं। क्या अपमानित होने वाले 97% हिन्दुओं की भावनाओं पर अपमानित करने वाले 3% धर्माचार्यों की भावनायें ज्यादा मायने रखती हैं।’
श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान पर महंत राजू दास ने उनके सिर को तन से जुदा करने पर 21 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। इस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा था कि, हर असंभव कार्य को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख ₹ भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।