सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को सदैव ऊर्जा बने रहना पड़ता है। जीवन में ऊर्जा का प्रवाह बना रहे इसके लिए आदि काल से हमारी प्राचीन विद्या हम सभी का मार्ग करती आ रही है। इस भौतिकवादी युग में अधिकांश लोग अपनी प्राचीन विद्या से दूर है। ज्योतिष शास्त्र में अनेक उपाय बताए गए है जिनका प्रयोग कर हम सभी लोग ऊर्जा से छलकते रह सकते है। हिंदू धर्म में पंचदेवों में से सूर्य देव भी एक माने गए हैं। वहीं ज्योतिष में भी सूर्य का बहुत महत्व माना गया है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है।
नई दिल्ली। सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को सदैव ऊर्जा बने रहना पड़ता है। जीवन में ऊर्जा का प्रवाह बना रहे इसके लिए आदि काल से हमारी प्राचीन विद्या हम सभी का मार्ग करती आ रही है। इस भौतिकवादी युग में अधिकांश लोग अपनी प्राचीन विद्या से दूर है। ज्योतिष शास्त्र में अनेक उपाय बताए गए है जिनका प्रयोग कर हम सभी लोग ऊर्जा से छलकते रह सकते है। हिंदू धर्म में पंचदेवों में से सूर्य देव भी एक माने गए हैं। वहीं ज्योतिष में भी सूर्य का बहुत महत्व माना गया है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है।
यह मनुष्य के जीवन में मान-सम्मान, पिता-पुत्र और सफलता का कारक माना गया है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस तरह से बारह राशियों में सूर्य एक वर्ष में अपना चक्र पूर्ण करते हैं। सूर्य नारायण ऊर्जा के स्रोत है। इनकी पूजा अर्चना कर इन्हें प्रसन्न् किया जा सकता है।जिससे आसानी से सफलता मिल सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सौरमंडल का सबसे मजबूत ग्रह है। यह सभी ग्रहों का देवता है इसलिए इसका पूजन कर, इसे प्रसन्न करना सभी ग्रहों को सूर्य मजबूत होता है प्रसन्न करने के बराबर ही है।
सूर्य भगवान की पूजा से लोगों के चेहरे पर सूर्य की रोशनी के भांति ही तेज होता है। लेकिन कुंडली में सूर्य ग्रह का कमजोर होना कई सारी परेशानियां लाता है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के भीतर कई सारे उपाय दर्ज हैं जिनके माध्यम से हम सूर्य देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पा सकते हैं। इसमें से सबसे सरल है उनकी पूजा करना। रोज सुबह या फिर कम से कम रविवार की सुबह यदि हम सूर्य देव की पूजा करेंगे तो उनका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करेंगे।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान सूर्य देव की किस मूर्ति की हम पूजा कर रहे हैं उसके अनुसार भी हमें फल की प्राप्ति होती है? मूर्ति के प्रकार से हमारा तात्पर्य है मूर्ति किस धातु या पदार्थ से बनी है।अगर घर में भगवान सूर्य की सोने से बनी मूर्ति को स्थापित किया जाए, उसका पूर्ण विधि से पूजन किया जाए तो यह आर्थिक लाभ मिलता है। ऐसे घर में कभी धन की कमी नहीं हो सकती।
भगवान सूर्य देव के सरल मंत्र
1. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
6. ॐ सूर्याय नम: .
7. ॐ घृणि सूर्याय नम: