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अधीर रंजन चौधरी का बीजेपी पर वार ‘मौन नहीं थे पूर्व पीएम मनमोहन ‘, बल्कि वो काम ज्यादा, बात कम करते थे

संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र (Parliament Special Session) की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में पहला संबोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दिया। इसके बाद विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary)  ने अपना भाषण देते हुए कहा कि आज का दिन भावुक करने वाला है कि पुरानी संसद से हमें जाना होगा।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र (Parliament Special Session) की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में पहला संबोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दिया। इसके बाद विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary)  ने अपना भाषण देते हुए कहा कि आज का दिन भावुक करने वाला है कि पुरानी संसद से हमें जाना होगा। उन्होंने कहा कि जिंदगी में कई दोस्त आए, कई गए। इसी तरह सदन की कार्यवाही भी चल रही है जो चलती रहेगी। मैं शुरू में ये कहना चाहता हूं कि जब सदन में संविधान की चर्चा हो, आंबेडकर की चर्चा होती है। आज अच्छा लगेगा कि आज हमें भी नेहरू जी की बात रखने का अवसर मिलेगा।

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पंडित नेहरू ने कहा था कि संसदीय लोकतंत्र कई गुणों की मांग करता है, इसके लिए क्षमता, कार्य के प्रति समर्पण और आत्म-अनुशासन की जरूरत होती है। हालांकि उन्हें (पंडित नेहरू) संसद में भारी बहुमत हासिल था, लेकिन वे विपक्ष की आवाज़ सुनने में अथक थे और सवालों का जवाब देते समय कभी भी मज़ाक नहीं उड़ाया या टाल-मटोल नहीं किया।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary)  ने आगे कहा कि यहां तक कि जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) जब संसद में भाषण देते समय अपनी समय सीमा पार कर जाते थे तो उनके लिए स्पीकर की घंटी बजती थी। इससे पता चलता है कि संसद के अपमान से परे कोई नहीं है, यह भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास में नेहरू का योगदान था।

उन्होंने कहा कि चंद्रयान को लेकर चर्चा चल रही थी, मैं कहना चाहता हूं कि 1946 में जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के नेतृत्व में परमाणु अनुसंधान समिति (Nuclear Research Committee) बनी थी। वहां से हम आगे बढ़े और 1964 में इसरो (ISRO)  का विकास किया, लेकिन आज हम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नहीं तो क्या कहेंगे? ये भारत, इंडिया का मुद्दा कहां से उठा है?

उन्होंने आगे कहा कि इस सदन ने देश को बहुत कुछ दिया है। इस सदन से ही बैंक का सरकारीकरण और आईटी के एरिया में क्रांति हुई थी। डिजिटल इंडिया और पंचायती राज के साथ-साथ सामाजिक क्रांति को लाने वाले राजीव गांधी थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि सूचना का अधिकार (Right to Information) , मनरेगा कानून (MNREGA Act) और फूड सिक्योरिटी एक्ट (Food Security Act) लाने का काम किया।

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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary)  ने लोकसभा में कहा कि पोखरण के समय विदेशी ताकतों ने हमें रोकने की बहुत कोशिशें की लेकिन हम रुके नहीं। अटल जी ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया। उस परमाणु परीक्षण के बाद हम पर प्रतिबंध लगाए थे, उसको हटाने का काम मनमोहन सिंह ने किया। जिन पर बीजेपी मौन रहने का आरोप लगाती थी। वो मौन नहीं रहते थे। दरअसल वो बात कम, काम ज्यादा करते थे।

अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने कहा कि ये हिंदुत्व क्या होता है, हिदुत्व में चार वेद हैं, लाखों भगवान हैं, 18 उपनिषद हैं। दो एपिक हैं। ये जब वसुधैव कुटुम्बकम (The Whole World is a Family) की बात करते हैं तो उसका मतलब क्या है? सबकी चिंताओं को शामिल करना चाहिए, यही तो हम कहते हैं।

यादों से भरा हुआ है संसद भवन : शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वैसे यह इमारत यादों से भरी है जैसा कि पीएम ने भी कहा कि यह इतिहास को अपने में समेटे हुए हैं। यह एक दुखद क्षण होगा। आइए आशा करते हैं कि नई इमारत में बेहतर सुविधाएं, नई तकनीक और लोगों के लिए अधिक सुविधाएं होंगी। संसद के सदस्य हैं,लेकिन फिर भी एक ऐसे संस्थान को छोड़ना हमेशा एक भावनात्मक क्षण होता है जो इतिहास और यादों से भरा हुआ है। हम सभी थोड़ा भ्रमित थे कि यह सत्र क्यों आवश्यक था क्योंकि वह जिन बहुत सारे जिन विधेयकों के बारे में बात कर रहे हैं, उन्हें बाद में पेश किया जा सकता था, लेकिन अब यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार एक इमारत से दूसरी इमारत में स्थानांतरण को एक विशेष क्षण बनाना चाहती थी। उन्होंने इसे एक विशेष तरीके से करने की कोशिश की है।

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