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Chandigarh New Mayor : सफाई कर्मचारी कुलदीप कुमार टीटा का मेयर की कुर्सी तक पहुंचने का ऐसा रहा सफर

लोकतंत्र की इससे बड़ी खूबसूरती क्या हो सकती है? जिस नगर निगम एक मामूली सफाई कर्मचारी और आज उसी शहर का प्रथम नागरिक (मेयर) बन गया है। शहर के नए मेयर कुलदीप कुमार टीटा (New Mayor Kuldeep Kumar Tita) ने वर्ष 2018 से 2019 तक बतौर सफाई कर्मचारी चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation)  में काम कर चुके हैं।

By संतोष सिंह 
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चंडीगढ़। लोकतंत्र की इससे बड़ी खूबसूरती क्या हो सकती है? जिस नगर निगम एक मामूली सफाई कर्मचारी और आज उसी शहर का प्रथम नागरिक (मेयर) बन गया है। शहर के नए मेयर कुलदीप कुमार टीटा (New Mayor Kuldeep Kumar Tita) ने वर्ष 2018 से 2019 तक बतौर सफाई कर्मचारी चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation)  में काम कर चुके हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा (Kuldeep Kumar Tita) को शहर का नया मेयर घोषित कर दिया है, जिसके बाद उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है। डड्डूमाजरा के पार्षद कुलदीप (Daddumajra councilor Kuldeep) उसी निगम में मेयर बने हैं, जहां कभी वह कांट्रैक्ट पर सफाई कर्मचारी थे।

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सुप्रीम कोर्ट ने शादी की सालगिरह पर दिया मेयर की कुर्सी का बड़ा तोहफा

चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) के नए मेयर कुलदीप कुमार मंगलवार के लिए दोहरी खुशी का दिन रहा। आज के दिन देश की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के आदेश पर वह जहां शहर मेयर बने, वहीं मंगलवार को उनकी शादी की 17वीं सालगिरह थी। उन्होंने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि मेयर की कुर्सी उन्हें शादी की सालगिरह के दिन मिली।

अनुसूचित जाति से आने वाले कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar) को जब 30 जनवरी को मेयर चुनाव में हारा हुआ घोषित किया गया था तो वह रो पड़े थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 21 दिन तक अदालत में लड़ाई लड़ी। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक गए और आखिरकार जीतकर दोबारा मेयर की कुर्सी पर बैठे। कुलदीप के मेयर बनने पर उनकी पत्नी ममता बेहद खुश हैं। कुलदीप एक सामान्य परिवार से आते हैं। उनके दो बच्चे हैं, जिनके नाम आदित्य और उमंग हैं।

12वीं पास हैं कुलदीप, दोस्त बुलाते हैं टीटा

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कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar)  ने पंजाब बोर्ड (Punjab Board) से 2005 में 12वीं की परीक्षा पास की थी। चुनावी शपथपत्र में भी इसका जिक्र है। 40 साल के कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar)  को उनके दोस्त टीटा कहकर भी बुलाते हैं। वह राजनीति में आने वाले अपने परिवार से पहले शख्स हैं। कुलदीप सिंह के पिता का नाम रायत पाल है। चुनावी शपथपत्र के अनुसार, कुलदीप सालाना 4.80 लाख रुपये कमाते हैं।

डंपिंग ग्राउंड के पास है कुलदीप का घर, रोजाना झेलते हैं बदबू

डड्डूमाजरा में रहने वाले कुलदीप का घर डंपिंग ग्राउंड (Dumping Ground) के बिल्कुल पास है। वह और उनका पूरा परिवार पिछले कई वर्षों से डंपिंग ग्राउंड (Dumping Ground) की बदबू झेल रहा है। उन्होंने कहा कि मेयर बनने के बाद पहली प्राथमिकता लोगों को डंपिंग ग्राउंड (Dumping Ground) से निजात दिलाना है। कहा कि सदन में पिछले दो साल से कई बार डंपिंग ग्राउंड (Dumping Ground) का मुद्दा उठा चुके हैं। कई बार प्रदर्शन भी किया है। अब मेयर बनने के बाद आवाज को और मजबूती मिलेगी और कोशिश रहेगी कि अपने कार्यकाल में ही डंपिंग ग्राउंड (Dumping Ground) को खत्म किया जाए।

कुलदीप ने राजनीति की शुरुआत भाजपा से की

कुलदीप ने भाजपा से राजनीति की शुरुआत की थी। वह भाजपा के एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। पूर्व मेयर राजेश कालिया के साथ पारिवारिक संबंध रह चुके हैं। भाजपा (BJP) के बाद वह कांग्रेस और फिर आप (AAP) में शामिल हुए। भाजपा नेता व पूर्व मेयर राजेश कालिया ने बताया कि कुलदीप टीटा का परिवार पहले आरएसएस से जुड़ा हुआ था। डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन सोसायटी (Door to Door Garbage Collection Society) के चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी (Chairman Omprakash Saini) ने कहा कि कुलदीप के मेयर बनने से वाल्मीकि समाज को गर्व है।

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छाबड़ा ने करवाया था आप में शामिल

कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar) को नगर निगम चुनाव (Municipal Elections) से पहले प्रदीप छाबड़ा ने आप में शामिल कराया था। उन्होंने नगर निगम का पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

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