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Aditya-L1 Launch: सफलतापूर्वक लांच हुआ ISRO का पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’, देखें वीडियो

Aditya-L1 Mission Launch: चांद पर सफलता हासिल करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) अब एक और कामयाबी हासिल कर ली है। इसरो आज यानी 2 सितंबर 2023 को अपने पहले सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' (Aditya-L1) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इस मिशन को शनिवार को दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र (Sriharikota Space Center) से लॉन्च किया गया।

By Abhimanyu 
Updated Date

Aditya-L1 Mission Launch: चांद पर सफलता हासिल करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) अब एक और कामयाबी हासिल कर ली है। इसरो आज यानी 2 सितंबर 2023 को अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ (Aditya-L1) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इस मिशन को शनिवार को दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र (Sriharikota Space Center) से लॉन्च किया गया।

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1480 किलोग्राम वजनी आदित्य-एल1 को इसरो का बाहुबली कहे जाने वाले रॉकेट पीएसएलवी (Rocket PSLV) की मदद से लॉन्च किया गया। पीएसएलवी का ये 59वां लॉन्च हैं. इस रॉकेट की सफलता की दर 99 फीसदी है। भारत के इस पहले सौर मिशन से इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा। आदित्य-एल1 को ले जाने वाला रॉकेट अंतरिक्षयान को धरती की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा। लॉन्चिंग से लेकर आदित्य-एल1 को रॉकेट से अलग करने की प्रक्रिया में एक घंटे से अधिक (लगभग 63 मिनट) का समय लगेगा। इसके बाद आदित्य-एल1 अगले 16 दिनों (18 सितम्बर तक) पृथ्वी की कक्षा में गति करता रहेगा।

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एल-1 कक्षा में स्थापित होगा आदित्य एल1

इसरो (ISRO) के सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को अंतरिक्ष में ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ यानी एल-1 कक्षा में स्थापित किया जाएगा। एल1 प्वाइंट (L1 Point) से मतलब अंतरिक्ष में स्थित उन बिंदुओं से है, जहां दो अंतरिक्ष निकायों (जैसे पृथ्वी और सूर्य) के गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के कारण आकर्षण और प्रतिकर्षण का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस बिंदु का इस्तेमाल स्पेसक्राफ्ट (Spacecraft) द्वारा अपनी स्थिति बरकरार रखने के लिए जरूरी ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जाता है। एल1 का नाम इतावली-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ लुइज लैंग्रेंज (Joseph Luiz Lagrange) के नाम पर रखा गया है।

एल-1 कक्षा में स्थापित होने के बाद इस ‘आदित्य एल-1’ सैटेलाइट के माध्यम से सूर्य पर होने वाली गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी और सूर्य के बारे में अध्ययन किया जाएगा। एल-1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया जाएगा।

‘आदित्य-एल1’ (Aditya-L1) मिशन का मुख्य उद्देश्य

-इसरो (ISRO) का पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ (Aditya-L1) सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं का अध्ययन करेगा।

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-‘आदित्य-एल1’ सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।

-‘आदित्य-एल1’ सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की अध्ययन करेगा।

-सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा।

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