व्रत उपवास की श्रृखलां में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह में दो बार पड़ने वाली एकादशी तिथि को यह व्रत रख जाता है।प्रत्येक एकादशी व्रत का अलग अलग महत्व है।
अजा एकादशी व्रत 2021: व्रत उपवास की श्रृखलां में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू पंचाग के अनुसार, माह में दो बार पड़ने वाली एकादशी तिथि को यह व्रत रख जाता है। प्रत्येक एकादशी व्रत का अलग अलग महत्व है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इसका व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलोक और परलोक में मदद करने वाली इस एकादशी व्रत के समान संसार में दूसरा कोई व्रत नहीं है। भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी (Aja Ekadashi) और शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के श्रीहरि रूप की पूजा करने से अतीत में किए गए सभी पापों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
अजा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
अजा एकादशी तिथि प्रारंभ – 02 सितम्बर 2021 को सुबह 06:21 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – 03 सितम्बर 2021 को सुबह 07:44 बजे
अजा एकादशी व्रत पारण – 04 सितंबर 2021 दिन शनिवार को सुबह 05:30 बजे से सुबह 08:23 मिनट तक.