पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार बनने के बाद से वहां पर हर दिन नए सियासी समीकरण देखने को मिल रहे हैं। चुनाव के बाद भी केंद्र और सत्तारूढ़ तृणमूल के बीच खिंचतान दिख रही है। पीएम मोदी की बैठक में नहीं पहुंचने वाले बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र और ममता सरकार आमने सामने हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस मामले को लेकर केंद्र ने अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार बनने के बाद से वहां पर हर दिन नए सियासी समीकरण देखने को मिल रहे हैं। चुनाव के बाद भी केंद्र और सत्तारूढ़ तृणमूल के बीच खिंचतान दिख रही है। पीएम मोदी की बैठक में नहीं पहुंचने वाले बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र और ममता सरकार आमने सामने हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस मामले को लेकर केंद्र ने अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
गृह मंत्रालय ने हाल ही में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अलपन बंद्योपाध्याय को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है। नोटिस का तीन दिनों के अंदर जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ एफआईआर भी की जा सकती है। बता दें कि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है।
वहीं, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बैठक में सीएम ममता बनर्जी के शामिल होने होने को लेकर मंगलवार यह कहते हुए नया विवाद छेड़ दिया कि लोक सेवा पर अहंकार हावी हो गया है।
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चौबीसों घंटे जनसेवा में लगी हैं और राज्य के हितों को लेकर अपनी चिंता के मद्देनजर हर कदम उठाती हैं। बता दें कि, राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद भी हर दिन वहां पर खींचतान की खबरें आ रहीं हैं। ममता सरकार की तरफ से केंद्र पर काम नहीं करने देने का आरोप लगाया जा रहा है।