Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के सतना जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पर आय प्रमाण पत्र में एक परिवार की सालाना कमाई सिर्फ 3 रुपये बतायी गयी है। अब आय प्रमाण पत्र की फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस मामले में प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा है।
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के सतना जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पर आय प्रमाण पत्र में एक परिवार की सालाना कमाई सिर्फ 3 रुपये बतायी गयी है। अब आय प्रमाण पत्र की फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस मामले में प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा है।
मध्य-प्रदेश कांग्रेस ने आय प्रमाण पत्र की फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। इसके साथ पार्टी ने लिखा, “मोहन राज में ही मिला भारत का सबसे गरीब आदमी! सतना जिले में एक आय प्रमाण पत्र जारी हुआ! सालाना आमदनी केवल 03.00 रुपए बताई गई है! है ना चौंकाने वाली बात! जनता को गरीब बनाने का मिशन? क्योंकि, अब कुर्सी ही खा रही कमीशन!”
मोहन राज में ही मिला भारत का सबसे गरीब आदमी! सतना जिले में एक आय प्रमाण पत्र जारी हुआ! सालाना आमदनी केवल 03.00 रुपए बताई गई है!
है ना चौंकाने वाली बात!
जनता को गरीब बनाने का मिशन?
क्योंकि, अब कुर्सी ही खा रही कमीशन! pic.twitter.com/hB8Q8fDSns— MP Congress (@INCMP) July 26, 2025
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तहसीलदार ने दी सफाई
यह आय प्रमाण पत्र कोठी तहसील के नायगांव में रहने वाले श्यामलाल के पुत्र रामस्वरूप के नाम जारी किया गया है। जिस पर तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर हैं। इस दस्तावेज के अनुसार, रामस्वरूप की मासिक आय मात्र 25 पैसे और रोजाना की औसतन आय एक पैसे से भी कम है। इस मामले में सफाई देते हुए तहसीलदार का कहना है कि टाइपिंग मिस्टेक के चलते यह प्रमाण जारी हुआ था। इसमें सुधार कर दिया गया है और किसान की सालाना आय 30 हजार रुपये है।
तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने कहा, ‘‘यह एक लिपिकीय त्रुटि थी, जिसे सुधार लिया गया है। नया आय प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि 25 जुलाई 2025 को रामस्वरूप को नया आय प्रमाणपत्र जारी किया गया, जिसमें उनकी सालाना आय 30,000 रुपये (यानी 2,500 रुपये प्रतिमाह) दर्ज की गई।’’ हालांकि, यह गलती सिर्फ अंकों के साथ-साथ शब्दों में आय के आंकड़ें में लिखने में भी हुई है। अब यह आय प्रमाण सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इस मामले में संज्ञान लेती है या नहीं?