दिव्य काशी-भव्य काशी के संकल्प की अवधारणा के साथ भगवान शिव के प्रिय काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास में जल्द ही एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर के गर्भगृह की अंदर की दीवार भी सोने से जड़ी होगी। दक्षिणी भारत का रहने वाला एक स्वर्ण व्यवसायी ने सोना दान की इच्छा जतायी है। जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कराना शुरू कर दिया है।
वाराणसी। दिव्य काशी-भव्य काशी के संकल्प की अवधारणा के साथ भगवान शिव के प्रिय काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास में जल्द ही एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर के गर्भगृह की अंदर की दीवार भी सोने से जड़ी होगी। दक्षिणी भारत का रहने वाला एक स्वर्ण व्यवसायी ने सोना दान की इच्छा जतायी है। जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कराना शुरू कर दिया है।
इसी क्रम में बुधवार को मंदिर के दीवारों की मैपिंग व डिजाइनिंग की गई। विश्वनाथ मंदिर के सबसे उपर महाराजा रणजीत सिंह ने स्वर्ण पत्र लगवाया था। लेकिन सालों पहले लगे स्वर्ण पत्र धूमिल हो गए थे। विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पूर्व विशेषज्ञ कारीगरों की मदद से सोने की सफाई करायी गयी थी। अब स्वर्ण शिखर की चमक श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
कहा जा है कि व्यवसायी ने मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से अपनी इच्छा रखी। इसके बाद मंडलायुक्त के आदेश पर कार्ययोजना तैयारी करायी जा रही है।
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर का भव्य अलौकिक लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा हो चुका है। लोगों कि एक आम धारणा बन गयी थी कि सरकारों के द्वारा वोटबैंक की राजनीति के चलते भारत में पौराणिक प्राचीन मंदिरों व अन्य स्थलों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। लेकिन जब भाजपा सरकार तो कुछ लोगों को लगने लगा था कि अब सनातन धर्म के अनुयायियों व उनके पौराणिक प्राचीन मंदिर व अन्य धर्म स्थलों की उपेक्षा नहीं होगी।