ऐपल कंपनी (Apple Company) के फोन हैकिंग अलर्ट (Phone Hacking Alert) के दावे के बीच केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है। वह इसकी तह तक जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में कुछ बाध्यकारी आलोचक हैं।
नई दिल्ली। ऐपल कंपनी (Apple Company) के फोन हैकिंग अलर्ट (Phone Hacking Alert) के दावे के बीच केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है। वह इसकी तह तक जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में कुछ बाध्यकारी आलोचक हैं। ये लोग देश का विकास नहीं देख सकते, क्योंकि जब उनका परिवार सत्ता में था तो वे केवल अपने बारे में सोचते थे। अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि ऐपल के तरफ से 150 देशों में अलग-अलग लोगों को फोन हैकिंग का अलर्ट मिला है।
वहीं ऐपल कंपनी(Apple Company) ने इस पूरे विवाद पर अपना बयान जारी कर कहा कि ‘वह खतरे की सूचनाओं के लिए किसी देश की सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराती है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं।
इसके अलावा कंपनी ने कहा कि यह संभव है कि खतरे की कुछ सूचनाएं फॉल्स अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है। हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे सरकार प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन, ओवैसी आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, कांग्रेस के शशि थरूर और उनकी पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर एप्पल का संदेश साझा किया। माकपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को भी इसी तरह का संदेश मिला। विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि हमेशा की तरह कुछ ही लोग ‘सरकार प्रायोजित’ हमले पर हंगामा खड़ा कर रहे हैं और खुद को शहीद बताने का नाटक कर रहे हैं। सब अच्छा है… लेकिन संभावना है कि हमेशा की तरह ही इस हंगामे की हवा निकल जाएगी!