राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अब तक देश भर में डेल्टा प्लस के 48 संक्रमित मामले सामने आए हैं। कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। देश में अब तक इस वैरिएंट के 48 केस सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 21 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। यहां 7 केस सामने आए हैं। 2 लोगों की मौत भी हुई है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अब तक देश भर में डेल्टा प्लस के 48 संक्रमित मामले सामने आए हैं।कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। देश में अब तक इस वैरिएंट के 48 केस सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 20 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। यहां 7 केस सामने आए हैं। 2 लोगों की मौत भी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने दो दिन पहले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को तैयार रहने के निर्देश भी दिए हैं। भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 48 मामले सामने आ चुके हैं।
ल्टा-प्लस वैरिएंट क्या है?
भारत में मिले कोरोनावायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है। B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोनावायरस के बीटा और गामा वैरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वैरिएंट को डेल्टा+ वैरिएंट या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।
K417N म्यूटेशन वाले ये वैरिएंट्स ओरिजिनल वायरस से अधिक इंफेक्शियस हैं। वैक्सीन व दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं। दरअसल, B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) निकला है। इसी लाइनेज के दो और वैरिएंट्स हैं- B.1.617.1 और B.1.617.3, जिनमें B.1.617.1 को WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की लिस्ट में रखा है और कप्पा नाम दिया है।