दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ बैंक कर्मियों ने हड़ंताल काा ऐलान किया है। इस हड़ंताल में करीब 10 लाख कर्मचारियों के शामिल होने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी पूरी तरह से कामकाज को ठप रखेंगे। वहीं, दो दिन की हड़ताल के कारण बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी।
नई दिल्ली। दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ बैंक कर्मियों ने हड़ंताल काा ऐलान किया है। इस हड़ंताल में करीब 10 लाख कर्मचारियों के शामिल होने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी पूरी तरह से कामकाज को ठप रखेंगे। वहीं, दो दिन की हड़ताल के कारण बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी। हालांकि, एटीएम चालू रहेगा। हड़ताल के चलते बैंक शाखाओं में पैसा निकालने और जमा करने, चेक क्लीयरेंस और ऋण मंजूरी जैसी सेवाओं पर असर पड़ेगा।
बता दें कि, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) बैनर के तले नौ यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया है। ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने 10 लाख बैंककर्मियों के हड़ताल में शामिल होने का दावा किया है। इसी बीच पश्चिम बंगाल से भी हड़तालें की तस्वीरें सामने आ रही हैं। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बैंकों ने सोमवार और मंगलवार को बंद करने का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया था कि सरकार ने इस साल दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का फैसला किया है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है।