कल बंगाल विधानसभा के चुनाव का दूसरा चरण होना है। बंगााल में टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी टक्कर है। इन दोनो पार्टीयों के आगे कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन कही नजर नहीं आ रहा है। टीएमसी के पास ममता बनर्जी एक मात्र ऐसा चेहरा है जो अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार के साथ साथ पार्टी के बहुमत में आने पर मुख्यमंत्री बनेंगी। वही बीजेपी के पास मुख्यमंत्री के चेहरे का आभाव नजर आ रहा है।
कोलकाता। कल बंगाल विधानसभा के चुनाव का दूसरा चरण होना है। बंगााल में टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी टक्कर है। इन दोनो पार्टीयों के आगे कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन कही नजर नहीं आ रहा है। टीएमसी के पास ममता बनर्जी एक मात्र ऐसा चेहरा है जो अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार के साथ साथ पार्टी के बहुमत में आने पर मुख्यमंत्री बनेंगी। वही बीजेपी के पास मुख्यमंत्री के चेहरे का आभाव नजर आ रहा है।
पार्टी के लिए पार्टी के राष्ट्रीय स्तर से लेकर बंगाल के लोकल नेता पूरे दमखम के साथ चुनाव में लगे हुए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार अपने भाषणों में बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की प्रशंसा की है। जिससे पार्टी के बहुमत में आने पर दिलीप के मुख्यमंत्री बनने की अटकले तेज हो गई है। लेकिन इस बार खुद दिलीप घोष ने बताया है कि बंगाल में सरकार बनने पर कौन होगा बंगाल का मुख्यमंत्री।
दिलीप घोष ने कहा है कि, ‘यह फैसला पार्टी करेगी, लेकिन यह जरूरी नहीं कि किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जाए जब ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी थीं, तब वह विधायक नहीं थीं। दिलीप घोष के बयान के बाद यह अटकलें तेज होने लगी है कि बंगाल में अगर बीजेपी जीतती है तो घोष ही अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं। दरअसल, दिलीप घोष ही एकमात्र ऐसा जाना-पहचाना चेहरा हैं, जो बंगाल से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और मेदिनीपुर से लोक सभा सांसद हैं।
जबकि बीजेपी ने बंगाल विधान सभा चुनावों में अपने चार लोक सभा और राज्य सभा सांसदों को टिकट दिया है। इनमें केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राज्य सभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए राज्य सभा से इस्तीफा दिया था।