सीएम गहलोत की अपील
बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह की ‘फ्री बिजली’ (100 Units of ‘Free Electricity’) देने की घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री ने बिजली बचाने की अपील भी प्रदेशवासियों से की है। उन्होंने एक संदेश में कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी का दायित्व है कि बिजली का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें।
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फ्यूल सरचार्ज माफ करना नौटंकी: राठौड़
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) की घोषणा पर भाजपा ने कई दलीलों के साथ सरकार पर पलटवार करना शुरू कर दिया है। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार की घोषणा को नौटंकी करार देते हुए कई सवाल भी दागे हैं।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार ने साढ़े 4 साल तक औसत 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज विद्युत उपभोक्ताओं से वसूला गया है और अब 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही है। जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में फ्यूल सरचार्ज मात्र औसतन 18 पैसे प्रति यूनिट ही था। जब फ्यूल सरचार्ज की बढ़ोतरी के कारण उद्यमी हड़ताल पर हैं तो औद्योगिक इकाइयों का फ्यूल सरचार्ज माफ क्यों नहीं कर रहे?
पहले बकाया चुकाए सरकार
राठौड़ ने कहा कि घोषणा दर घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री जी उपभोक्ताओं को दी गई सब्सिडी के विरुद्ध 15 हजार 180 करोड़ की बकाया राशि तो पहले विद्युत कंपनियों को चुकाएं। डिस्कॉम्स का घाटा करीब 1 लाख 20 हजार करोड़ का है और सब्सिडी के खर्चे के लिए विद्युत कंपनियों को प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ का लोन बैंकों से लेना पड़ता है जिसका ब्याज भी सालाना लगभग 6500 करोड़ रुपए होता है। सरकार पहले इन्हें चुकाए और फिर जाकर घोषणाएं करे तो बेहतर होगा।
‘सरकार की नीति और नियत में खोट’
राठौड़ ने कहा कि घोषणावीर मुख्यमंत्री जी की गजब की टाइमिंग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जावान संबोधन से वे इस कदर प्रभावित हो गए कि देर रात्रि में उन्हें राहत की घोषणा करने को मजबूर होना पड़ा। साढ़े 4 सालों से जनता को लूटने के बाद अब चुनावी साल आते ही यकायक बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज सहित अन्य शुल्क माफ करने की घोषणा से जनता झांसे में नहीं आएगी। आपकी नीति और नीयत दोनों में खोट है।
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‘बिजली आएगी ही नहीं, तो छूट कैसी?’
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने आगे ये भी कहा कि बिजली के बिल में कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा जब बिजली आएगी। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक अघोषित विद्युत कटौती का दंश विद्युत उपभोक्ता झेलने को मजबूर है।महंगी बिजली की खरीद, कोयला खरीद और किसानों के कनेक्शन में टर्नकी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को लेकर भी कुछ राहत की घोषणा करते तो बेहतर होता। साथ ही किसानों को दिन में दो ब्लॉक में बिजली आपूर्ति करने और नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणाएं कब पूरी होगी, इस पर भी कुछ कहते तो अच्छा होता।
घोषणा छलावा, कभी पूरी नहीं होगी: सीपी जोशी
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा, ‘क्या प्रधानमंत्री जी की ऐतिहासिक सभा से भयभीत हो गए मुख्यमंत्री गहलोत जी ?’ उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने अब तक साढ़े 4 साल में ना तो किसानों का कर्जा माफ किया, न बेरोजगारों को भत्ता दिया। 100 यूनिट बिजली फ्री की जगह 100 अपराध कम करने की बात कहते तो हमारे प्रदेश की महिलाएं, बच्चे, दलित, आदिवासी सुरक्षित होते, युवाओं को भी राहत मिलती कि अब प्रदेश में पेपर लीक नहीं होंगे। यह राहत नहीं, घोषणावीर की बस एक और चुनावी घोषणा मात्र है, जो कभी पूरी नहीं होगी, बस जनता के साथ छलावा है।
अन्य राहत भरी घोषणाओं की भी अपेक्षा: सांसद बेनीवाल
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी ‘फ्री बिजली’ घोषणा को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया। सांसद बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को बड़ी राहत देने की बात कही है। किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी, स्टेट हाईवे को टोल फ्री करने, कृषि के लिए मुफ्त बिजली, पंजाब-हरियाणा व दिल्ली की तर्ज पर पेट्रोल-डीजल कीमतों को कम करने और बजरी माफियाओं के आतंक से राहत दिलवाकर बजरी की दरों को कम करवाने की घोषणा करेंगे ऐसी अपेक्षा है। इन मुद्दों को लेकर RLP लगातार संघर्षरत है।