एक बार फिर महंगाई की मार आम आदमी की जेब में छेड़ करने के लिए तैयार है। दरअसल, 1 अप्रैल से कई नए नियम लागू होने जा रहें हैं। जिसके चलते महगाई अपने चरम पर पहुँच जाएंगी। अप्रैल महीने की पहली दिनांक से कई ऐसे परिवर्तन होने जा रहे हैं, जिनका प्रभाव आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
नई दिल्ली: एक बार फिर महंगाई की मार आम आदमी की जेब में छीद करने के लिए तैयार है। दरअसल, 1 अप्रैल से कई नए नियम लागू होने जा रहें हैं। जिसके चलते महंगाई अपने चरम पर पहुँच जाएगी। अप्रैल महीने की पहली दिनांक से कई ऐसे परिवर्तन होने जा रहे हैं, जिनका प्रभाव आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
वहीं दूरी तरफ, PF अकाउंट तथा क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स से लेकर LPG की कीमत बढ़ सकती हैं। साथ ही होम लोन पर प्राप्त होने वाली अतिरिक्त छूट भी समाप्त हो सकती है। आइए जानते हैं कि 1 अप्रैल को नियमों में क्या बड़ा परिवर्तन होगा…
एक अप्रैल को गैस सिलेंडर की कीमतों में एक बार फिर वृद्धि हो सकती है। रसोई गैस सिलेंडर के दाम 100 रुपए तक महंगे हो सकते है। बीते कई महीनों से रसोई गैस सिलेंडर तथा पेट्रोल-डीजल के दामों में राहत मिलने के पश्चात् इसमें एक बार फिर वृद्धि हो सकती है।
नए वित्तीय वर्ष के आरम्भ के साथ ही दवाओं पर खर्च बढ़ जाएगा। 800 से अधिक आवश्यक दवाओं के दाम में 10.7 प्रतिद्धत की वृद्धि होने वाली है। इसमें पेरासिटामोल जैसी सबसे अधिक उपयोग में आने वाली दवा भी सम्मिलित है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (National Pharmaceutical Pricing Authority) ने इन दवाओं के थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन को अपनी अनुमति दे दी है।
क्रिप्टोकरेंसी पर भी 1 अप्रैल से लगाम लगाने का आरम्भ हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 2022-23 के बजट में सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (virtual digital assets) या क्रिप्टो पर 30 प्रतिशत कर लगाने का ऐलान किया था। ऐसे में अगर इन्वेस्टर को क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) बेचने पर लाभ होता है तो उसे सरकार को कर देना होगा।
सरकार ने 2019 के बजट में IT अधिनियम में एक नई धारा 80EEA जोड़ी थी। जिसके तहत प्रथम बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का फायदा दिया जाएगा। बजट 2022 में इस खंड को और आगे नहीं बढ़ाया गया तथा यह छूट समाप्त हो रही है।
PF अकाउंट पर लगने वाला कर में बड़ा परिवर्तन होगा। EPF अकाउंट में 2.5 लाख रुपए तक करमुक्त योगदान की सीमा लगाई जा रही है। ऐसे में इससे ऊपर योगदान किया जाता है, तो ब्याज पर आयकर लगेगा। सरकारी कर्मचारियों के GPF में करमुक्त योगदान की सीमा 5 लाख रुपए सालाना होगी।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (MIS), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) अथवा पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट में निवेश से संबंधित नियम भी बदलने जा रहे हैं। 1 अप्रैल से ब्याज राशि नकद में नहीं दी जाएगी। लोगों को इसके लिए एक बचत खाता खोलना होगा।
CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) ने माल एवं सेवा कर (GST) के तहत ई-चालान (इलेक्ट्रॉनिक चालान) जारी करने की टर्नओवर सीमा को पहले की तय सीमा 50 करोड़ रुपये से कम करके 20 करोड़ रुपए कर दिया है। यह नियम भी 1 अप्रैल 2022 से लागू हो रहा है।
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए 1 अप्रैल से चेक, बैंक ड्राफ्ट या किसी अन्य भौतिक जरिए से भुगतान नहीं हो सकेगा। म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटी (एमएफयू) 31 मार्च 2022 से चेक-डिमांड ड्राफ्ट आदि के माध्यम से भुगतान की सुविधा बंद कर रहा है। अब उपयोगकर्ता केवल UPI या नेटबैंकिंग की सुविधा प्राप्त होगी।
टाटा मोटर्स समेत कई कंपनिया वाहनों के दामों में बढ़ोतरी करने की घोषणा कर चुकी है। टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह अपने कमर्शियल वाहनों के दामों में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि करेगी। साथ ही मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने घोषणा की है कि वाहनों के दामों में तीन प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी। इसके अतिरिक्त टोयोटा ने दामों में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा की है। BMW ने भी दामों में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि करेगी।