पत्रकार विनोद दुआ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह की एफआईआर को रद्द कर दी है। हिमाचल प्रदेश में स्थानीय बीजेपी नेता ने पत्रकार के यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी।
नई दिल्ली। पत्रकार विनोद दुआ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह की एफआईआर को रद्द कर दी है। हिमाचल प्रदेश में स्थानीय बीजेपी नेता ने पत्रकार के यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी।
बता दें कि, विनोद दुआ पर अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियोज के जरिए लोगों को भड़काने के आरोप था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 1962 का आदेश हर पत्रकार को ऐसे आरोपों से बचाता है। मामले को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दुआ के अनुरोध को खारिज कर दिया कि 10 साल के अनुभव वाले किसी भी पत्रकार के खिलाफ तब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए जब तक कि हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा मंजूरी न दी जाए।
गौरतलब है कि, बीजेपी नेता श्याम ने शिमला जिले के कुमारसैन थाने में पिछले साल छल मई को राजद्रोह, सार्वजनिक उपद्रव मचाने, मानहानिकारक सामग्री छापने आदि के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी और पत्रकार को जांच में शामिल होने को कहा गया था। श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर कुछ आरोप लगाए थे।