HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत, केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ सुनवाई को Supreme Court तैयार

केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत, केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ सुनवाई को Supreme Court तैयार

दिल्ली में प्रशासकों पर नियंत्रण के लिए लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अ​रविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government)की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  पहुंच गई है। बता दें कि दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली में प्रशासकों पर नियंत्रण के लिए लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अ​रविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government)की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  पहुंच गई है। बता दें कि दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा। बता दें कि दिल्ली सरकार ने अध्यादेश आने के तुरंत बाद ही कह दिया था कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  जाएंगे।

पढ़ें :- Pegasus Hacking Controversy : US कोर्ट ने NSO ग्रुप को सुनाई सजा, WhatsApp की बड़ी जीत

क्या है केंद्र का अध्यादेश?
केंद्र सरकार (Central Government) के अध्यादेश के तहत दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती से जुड़ा आखिरी फैसला लेने का हक उपराज्यपाल को दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 के तहत दिल्ली में सेवा देने वाले दानिक्स कैडर के ग्रुप ए के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित होगा।

अध्यादेश के तहत किया गया प्राधिकरण का गठन

इस प्राधिकरण के तीन सदस्य होंगे। जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली के गृह प्रधान सचिव होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। बता दें कि दानिक्स कैडर में दिल्ली, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दमन एंड दीव, दादरा एंड नागर हवेली सिविल सर्विस के अधिकारी शामिल किए जाते हैं। हालांकि अधिकारियों के तबादले और तैनाती का आखिरी फैसला उपराज्यपाल का ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश लाई थी सरकार

पढ़ें :- हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को महज 10 से 15 हजार रुपये मिलती है पेंशन, यह बेहद दयनीय स्थिति : सुप्रीम कोर्ट

बता दें कि दिल्ली की आप सरकार आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार एलजी के माध्यम से उसे काम नहीं करने दे रही है। आप सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  का रुख किया था। जहां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने बीती 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया और साफ किया था कि दिल्ली सरकार ही दिल्ली के नौकरशाहों के तबादले और उनकी तैनाती कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आम आदमी पार्टी (AAP)ने अपनी जीत बताया था लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा दिन नहीं रही क्योंकि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 ले आई।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...