कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बिहार में मौत के आंकड़ों में जमकर हेराफेरी हुई है। लोग इसको लेकर आशंका जाहिर कर रहे हैं। इसको लेकर पटना हाईकोर्ट ने कई बार सरकार को लताड़ लगाई है। बक्सर में गंगा किनारे लाशें मिलने का मामला हो या पटना के श्मशान घाटों पर जल रही लाशों की संख्या..हर बार सरकारी आंकड़े संदेह के घेरे में थे।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बिहार में मौत के आंकड़ों में जमकर हेराफेरी हुई है। लोग इसको लेकर आशंका जाहिर कर रहे हैं। इसको लेकर पटना हाईकोर्ट ने कई बार सरकार को लताड़ लगाई है। बक्सर में गंगा किनारे लाशें मिलने का मामला हो या पटना के श्मशान घाटों पर जल रही लाशों की संख्या..हर बार सरकारी आंकड़े संदेह के घेरे में थे।
आखिरकार, अब सरकार ने ही इससे पर्दा उठाया। इन सबके बीच बिहार की नीतीश सरकार ने माना है कि कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में हेरफेर हुई है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को बताया कि अब तक मौतों का जो आंकड़ा 5424 बताया गया था, वो गलत है जबकि असली आंकड़ा 9375 (7 जून तक) है।
दरअसल,बिहार में कोरोना से हो रही मौतों को लेकर उठ रहे सवालों से तंग आकर 18 मई को राज्य सरकार ने आंकड़ों की जांच कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए दो तरह की टीमें बनाई गई थीं, जिनकी जांच रिपोर्ट में ये लापरवाही सामने आई है।