। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा तेज हो गयी है। वहीं, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चल रही बहस के बीच इस विधेयक के पक्ष में बड़ी संख्या में भाजपा नेता आवाज उठा रहे हैं। भाजपा नेता यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को सियासी लिहाज से बिल्कुल मुुफीद मान रहे हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा तेज हो गयी है। वहीं, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चल रही बहस के बीच इस विधेयक के पक्ष में बड़ी संख्या में भाजपा नेता आवाज उठा रहे हैं। भाजपा नेता यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को सियासी लिहाज से बिल्कुल मुुफीद मान रहे हैं।
यही वजह है कि भाजपा चुनाव में इसे एक मुद्दा बनाना चाहती है।बता दें कि, अगर चुनाव से पहले इस कानून पर मुहर लगती है तो एक तो यूपी के चुनावी नतीजों पर इसके असर पड़ने पर संभावना है। बता दें कि, यूपी में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा जनता के मूड को भांपने की भाजपा की वह कोशिश है, जिसके बारे में पार्टी और आरएसएस लंबे समय से बात कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण के बारे में बात करने का यह सही समय है क्योंकि आम जनता अब बढ़ती जनसंख्या के खतरों को समझ चुकी है। गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021 का मसौदा सार्वजनिक किया है और लोगों से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
प्रस्तावित विधेयक दो से अधिक बच्चों वाले लोगों के लिए सरकारी लाभों को प्रतिबंधित करने और एक बच्चे वाले लोगों को प्रोत्साहित करने की बात करता है। ऐसा ही एक बिल असम में भी लाया गया है।