सर्दियों के मौसम में त्वचा संबंधी और पाचन से जुड़ी समस्यायें परेशान करती है। प्राचीन काल में हमारे ऋषियों ने एक ऐसे फल की खोज की जिसे पृथ्वी का अमृत कहा जाता है।
सेहत का वरदान: सर्दियों के मौसम में त्वचा संबंधी और पाचन से जुड़ी समस्यायें परेशान करती है। प्राचीन काल में हमारे ऋषियों ने एक ऐसे फल की खोज की जिसे पृथ्वी का अमृत कहा जाता है। आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है।चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए अमला का उल्लेख मिलता है।
आयुर्वेद के अनुसार, आंवला एक ऐसा फल है जिसके सैकड़ों लाभ हैं। आंवला का प्रयोग कई तरह से किया जाता है, जैसे- आमला जूस आंवला पाउडर आंवला अचार आदि। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों वाला बनाते हैं। यह सर्दियों में शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है।
ठंड के मौसम में कब्ज की समस्या होना बिलकुल आम बात है। ऐसे में आंवला कब्ज को दूर रखने में मददगार साबित हो सकता है। यह पांचन संबेधी रोग को दूर कर पेट को सवस्थ्य रखने में मदद करता है।10-12 ग्राम आंवले के कोमल पत्तों को पीसकर, छाछ के साथ रोज सुबह-शाम सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।आप चाहें तो आंवले के अचार या मुरब्बा का सेवन कर सकते हैं। यह आपके स्वाद और सेहत दोनों के लिए बेहतर है।