रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल परीक्षण को देखने के लिए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Choudhary) और अन्य रक्षा अधिकारी मौजूद थे। यह जानकारी रक्षा अधिकारी ने दी है। उन्होंने बताया कि इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सटीक तरीके से निशाना बनाया है।
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल परीक्षण को देखने के लिए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Choudhary) और अन्य रक्षा अधिकारी मौजूद थे। यह जानकारी रक्षा अधिकारी ने दी है। उन्होंने बताया कि इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सटीक तरीके से निशाना बनाया है।
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) की रेंज को हाल में बढ़ाकर 500 किमी करने में कामयाबी मिली थी। ऐसा सिर्फ सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने से संभव हो गया है। मिसाइल में कोई तब्दीली नहीं करनी पड़ी है। अब इस मिसाइल की क्षमता को 800 किमी तक करने में कामयाबी मिली है। लड़ाकू विमानों के जरिए बेहद ऊंचाई से भी इसे दूर तक छोड़ा जा सकता है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें (BrahMos Supersonic Cruise Missile) तैनात की हैं। ये मिसाइलें ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) को रूस के सहयोग से विकसित किया गया है। ये आवाज की गति से तीन गुना यानी 2.8 मैक की रफ्तार से उड़ती हैं। ये रडार को भी चकमा दे सकती है। पहले इसकी रेंज 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 350-400 किया गया था। अब इसके 800 किमी वाले वेरिएंट पर काम किया जा रहा है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) के एयर वर्जन का पिछले साल 8 दिसंबर को सुखोई 30एमकेआई से सफल टेस्ट किया गया था। अब इन्हें दूसरे लड़ाकू विमानों पर भी तैनात करने की योजना है।