यूपी में सरकारी योजनाओं में अपात्र लोगों को खोजने का काम सख्ती से चल रहा है। पहले राशन कार्ड वापसी वालों की भीड़ लगी, अब किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) का लाभ लेने वालों को नोटिस दिया जा रहा है। इस क्रम में बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल में करीब 9000 से ज्यादा किसानों से अब 3 करोड़ से अधिक पैसा वसूला जाएगा।
लखनऊ। यूपी में सरकारी योजनाओं में अपात्र लोगों को खोजने का काम सख्ती से चल रहा है। पहले राशन कार्ड वापसी वालों की भीड़ लगी, अब किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) का लाभ लेने वालों को नोटिस दिया जा रहा है। इस क्रम में बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल में करीब 9000 से ज्यादा किसानों से अब 3 करोड़ से अधिक पैसा वसूला जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक यूपी में 3 लाख से ज्यादा किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) के अपात्र पाए गए हैं। महोबा जिले की बात करें तो करीब 1000 किसानों को सम्मान निधि वापस करने का नोटिस मिला है। उपकृषि निदेशक के मुताबिक किसानों से 17 लाख रुपये की रिकवरी की जा चुकी है। चूंकि मई के बाद किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त (11th installment of Kisan Samman Nidhi) आनी है, इसी के चलते EKYC का काम जोरों पर है। उत्तर प्रदेश में अपात्र किसानों से करीब 200 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं।
क्यों किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों से पैसा वसूला जा रहा है?
बता दें कि केंद्र सरकार ने आयकर दाताओं की लिस्ट भेजी है, जिसमें अपात्र किसानों की आमदनी ढ़ाई लाख से ज्यादा बताई गई है। हालांकि किसानों की शिकायत है कि उनको पता ही नहीं है कि वसूली का नोटिस क्यों भेजा जा रहा है। किसानों का कहना है कि तीन साल बाद सरकार को याद आया है कि हम अपात्र हैं। अब रिकवरी का पैसा कहां से देंगे।
10 किस्तें आ चुकी हैं, 11 वीं का है इंतजार
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को हुई थी। इसके तहत किसानों को साल भर में 6000 रुपए का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में दिया जाता है। हर 4 महीने में किसान को 2000 रुपए की किस्त दी जाती है। तो इस तरह की 2000 रुपए की 10 किस्तें यूपी के किसानों को मिल चुकी हैं।
सभी किसानों को 11वीं किस्त का इंतजार है जो 30 जून तक आने की संभावना है। दरअसल, ये 11 वीं किस्त इसलिए रुकी हुई है क्योंकि अब सरकार ने पीएम किसान योजना का लाभ उठाने के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। किसान ई-केवाईसी का वेरिफिकेशन 31 मई तक ही करा सकते हैं।
इन किसानों को नहीं मिलना चाहिए था लाभ
ये नियम होने के बावजूद इस तरह के अपात्र 3 लाख, 15 हजार 10 किसान अब तक इस योजना का लाभ उठा रहे थे।