पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की सुनामी ने तांडव मचा रखा है। इस सबके बीच वैज्ञानिकों से लेकर बड़े-बड़े शोधकर्ता इस वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं, जिसके चलते आए दिन कोविड-19 को लेकर नए-नए खुलासे व दावे किए जाते हैं।
नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की सुनामी ने तांडव मचा रखा है। इस सबके बीच वैज्ञानिकों से लेकर बड़े-बड़े शोधकर्ता इस वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं, जिसके चलते आए दिन कोविड-19 को लेकर नए-नए खुलासे व दावे किए जाते हैं।
इसी कड़ी में एक स्टडी के बाद यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने सात मई को पुष्टि की है कि कोरोना वायरस हवा के जरिये (एरोसोल ट्रांसमिशन) भी फैलता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर लोग एक-दूसरे से दो क्या छह फीट की दूरी पर भी खड़े होते हैं तो भी वे हवा में मौजूद वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
हवा के सूक्ष्म कण में घंटों जीवित रह सकता है वायरस
डॉक्टर माइकल कहते हैं कि सीडीसी की नई सूचना के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बंद कमरे या दफ्तर कोरोना वायरस के प्रसार के लिए नया केंद्र हो सकते हैं। हैरानी की बात यह है कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण में वायरस घंटों जीवित रह सकता है। ऐसे स्थान पर उसके जीवित रहने की संभावना अधिक है। जहां खुली हवा नहीं पहुंचती है।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
सीडीसी का कहना है कि दूरी के बावजूद हवा में मौजूद वायरस के सूक्ष्म कण सांसों के जरिये व्यक्ति के अंदर पहुंच सकते हैं। हाल ही में प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट ने भी हवा में वायरस के संक्रमण की पुष्टि की थी। वर्जिनिया टेक्नोलॉजी की एरोसोल एक्सपर्ट प्रोफेसर लिन्से मार का कहना है कि कार्यस्थलों पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत है। एक संक्रमित कर्मचारी उस दफ्तर में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। वहीं, जॉर्ज वाशिंगटन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. डेविड माइकल ने कहा कि हवा के सूक्ष्म कणों में वायरस की मौजूदगी होती है।
तेज हो सकती है संक्रमण की रफ्तार
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के एरोसोल वैज्ञानिक डोनाल्ड मिल्टन ने कहा कि हवा के सूक्ष्म कणों में वायरस की मौजूदगी की बात चिंताजनक है। कार्यस्थलों को सुरक्षित करने पर जोर देना होगा, जिससे वायरस को यहां पर काम करने वाले लोगों के बीच फैलने का मौका न मिले। हवा में वायरस की मौजूदगी का मतलब है कि संक्रमण की रफ्तार और तेज हो सकती है।