लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी ) में अंदरूनी कलह से जूझ रही है। इसी बीच सांसद चिराग पासवान ने कहा है चाचा पशुपति कुमार पारस ने पापा रामविलास पासवान का भरोसा तोड़ा है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में एलजेपी खास स्थान रखती है। चिराग ने पार्टी एलजेपी में छिड़ी अंदरूनी जंग को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह 100 फीसदी बचेगा, ज्यादातर लोग हमारे साथ बन हुए हैं।
नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी ) में अंदरूनी कलह से जूझ रही है। इसी बीच सांसद चिराग पासवान ने कहा है चाचा पशुपति कुमार पारस ने पापा रामविलास पासवान का भरोसा तोड़ा है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में एलजेपी खास स्थान रखती है। चिराग ने पार्टी एलजेपी में छिड़ी अंदरूनी जंग को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह 100 फीसदी बचेगा, ज्यादातर लोग हमारे साथ बन हुए हैं।
चिराग ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 95 फीसदी लोग ऐसे हैं जो मेरे साथ यानी रामविलास पासवान जी के साथ खड़े हुए हैं। संगठन की बात करें तो मैं गर्व से कह सकता हूं कि पार्टी के पुराने लोग हैं जिन्होंने पापा के साथ पार्टी को बनाया था, वे हमारे साथ हैं।
उन्होंने कहा कि जब विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारे तो अपना पक्ष बीजेपी के सामने रख दिया था। 2015 में 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इस विधानसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ता तो पार्टी खत्म हो जाती। इस बारे में बीजेपी को जानकारी दे दी थी। चिराग ने कहा कि मेरा पिता की अंतिम इच्छा यह थी, जो उन्होंने अपने आखिरी दिनों में बोला था कि कुछ भी हो जाए नीतीश कुमार के साथ नहीं जाना।