खुशियों का त्योहार क्रिसमस पूरी दुनिया में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ् मनाया जाता है। साल भर से इंतजार करने के बाद 25 दिसंबर को प्रभु यीशु जन्म के दिन ये खुशियों का त्योहार मनाया जाता है।
Christmas 2021: खुशियों का त्योहार क्रिसमस पूरी दुनिया में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ् मनाया जाता है। साल भर से इंतजार करने के बाद 25 दिसंबर को प्रभु यीशु जन्म के दिन ये खुशियों का त्योहार मनाया जाता है। क्रिसमस का त्योहार इतना लोकप्रिय है कि इसे दुनिया भर के 160 से अधिक देशों में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिए लोग अपने मित्रों,परिचितों को हैप्पी मैरी क्रिसमस कह कर विश करते है। क्रिसमस की शुभकामनाएं (Christmas Wishes) देते है। कार्ड मैसेज और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शुभकामनाएं देते है। खुशियों को दोगुना करने के लिए इस लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते है और तरह तरह के व्यंजन बनाते है। आइये जाते है कि अगर आप इस क्रिसमस पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप देश कुछ प्रमुख् चर्च को घूम सकते हैं।
क्राइस्ट चर्च
शिमला में स्थित यह क्राइस्ट चर्च भारत के उत्तरी भाग में दूसरी सबसे पुराना चर्च माना जाता है। इसका निर्माण 1846 से 1857 के बीच की अवधि के दौरान किया गया था। रिज से देखने पर चर्च की खिड़कियाँ रंगीन ग्लास और ब्रास के सुन्दर टुकड़ों से सजी हुई दिखाई पड़ती हैं। किसी भी व्यक्ति को इस शानदार संरचना में कुछ समय अवश्य बिताना चाहिए।
बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस
बेसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस या बोरिया जेज़ुची बाजिलिका गोवा, भारत में स्थित है, और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। बेसिलिका में सेंट फ्रांसिस जेवियर के नश्वर अवशेष हैं।यह चर्च पुर्तगालियों द्वारा 16 वीं सदी में स्थापित किया गया था।
सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च
कोलकाता का सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च एशिया का पहला ऐसा चर्च है जो किसी संत के नाम पर बनाया गया है। इस कारण इस चर्च को एशिया का पहला एपिस्कोपल चर्च कहा जाता है।
सेंट थॉमस का कैथेड्रल
सेंट थॉमस का कैथेड्रल मुंबई शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है। 1718 में निर्मित चर्च एक स्थायी उदाहरण है और प्रारंभिक ब्रिटिश शासन का प्रतीक है।