यूपी (UP) में अब तक सत्ता में रही पार्टियों के लिए मुसलमानों (Muslims) का वोट कोई अहमियत नहीं रखता है। आज यूपी के जेलों में 27 फीसदी मुसलमान कैदी (Muslim prisoners) हैं। अपनी ताकत दिखाने के लिए मुसलमानों को एकजुट होकर वोट देना पड़ेगा। जब मुसलमान एकजुट होकर वोट करेगा तभी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का कोई नेता होगा।
लखनऊ । यूपी (UP) में अब तक सत्ता में रही पार्टियों के लिए मुसलमानों (Muslims) का वोट कोई अहमियत नहीं रखता है। आज यूपी के जेलों में 27 फीसदी मुसलमान कैदी (Muslim prisoners) हैं। अपनी ताकत दिखाने के लिए मुसलमानों को एकजुट होकर वोट देना पड़ेगा। जब मुसलमान एकजुट होकर वोट करेगा तभी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का कोई नेता होगा।
यह बातें ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तहादुल मुसलिमीन एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ओवैसी रविवार को उतरौला विधानसभा (Utraula Constituency) के सादुल्लानगर बाजार (Sadullanagar market) में आयोजित शोषित वंचित समाज के सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने अब तक कई दलों को वोट दिया क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं था। यही कारण था कि उनके वोट की कोई अहमियत नहीं थी। मुसलमानों को अपनी ताकत और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर वोट करना होगा। ओवैसी ने कहा कि यूपी के जेलों में 27 फीसदी मुसलमान बंदी हैं। अगर मुसलमान एकजुट होते और उनका नेतृत्व करने वाला कोई होता तो ऐसी स्थिति न होती।