प्रदेश के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों (Three Medical Colleges) में फर्जी पेपर्स के माध्यम से मेडिकल गैस पाइप लाइन, फायर फाइटिंग सिस्टम (Fire Fighting System) लगाने का कार्य प्राप्त करने का खुलासा हुआ है। जांच के बाद यह कार्य लेने वाली फर्म ऋषि इंटरप्राइजेज (Rishi Enterprises) को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है।
लखनऊ। प्रदेश के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों (Three Medical Colleges) में फर्जी पेपर्स के माध्यम से मेडिकल गैस पाइप लाइन, फायर फाइटिंग सिस्टम (Fire Fighting System) लगाने का कार्य प्राप्त करने का खुलासा हुआ है। जांच के बाद यह कार्य लेने वाली फर्म ऋषि इंटरप्राइजेज (Rishi Enterprises) को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है।
यह कंपनी दो साल तक चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical Education Department) के किसी भी कार्य की निविदा नहीं डाल पाएगी। राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन (Government Medical College Jalaun) में हीटिंग, वेंटीलेशन और एयर कंडिशनिंग ( HVAC) एवं मेडिकल गैस पाइप लाइन का काम, राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज (Government Medical College Kannauj) में अग्निशमन यंत्र और एचवीएसी, राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी (Government Medical College Jhansi) में एचवीएसी का कार्य लखनऊ की ऋषि इंटरप्राइजेज (Rishi Enterprises) को दिया गया। इस बीच शिकायत मिली कि कंपनी ने फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के जरिए कार्य हासिल कर दिया है। इस पर कमेटी बनाकर जांच कराई गई।
जांच में पाया गया कि अनुबंध से जुड़े कई दस्तावेज कूटरचित
व खुद से बनाए गए मिले। इस पर कंपनी को दो साल के लिए डिबार कर दिया गया है। डीजीएमई किंजल सिंह (DGME Kinjal Singh) ने बताया कि कंपनी दो साल तक चिकित्सा शिक्षा विभाग के किसी भी निविदा में हिस्सा नहीं ले पाएगी। उसकी अर्नेस्ट मनी डिपाजिट (EMD) को भी जब्त कर लिया गया है।
कई कंपनियां है जांच के दायरे में
चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical Education Department) में चल रहे विभिन्न कामों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। कंपनियों के दस्तावेजों को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए नए सिरे से जांच शुरू कर दी गई है। निविदा हासिल करने वाली कंपनियों के दस्तावेजों का सत्यापन कराया जा रहा है, जिनके दस्तावेज गलत अथवा कूटरचित पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।