उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की है, जिसका असर हरिद्वार महाकुंभ पर साफ दिखाई दे रहा है। गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पहले की टेस्ट रिपोर्ट लाना जरूरी है। अब इस पर जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठाए हैं। हरिद्वार पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि कोरोना सरकार के इशारे पर चलता है।
हरिद्वार। उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की है, जिसका असर हरिद्वार महाकुंभ पर साफ दिखाई दे रहा है। गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पहले की टेस्ट रिपोर्ट लाना जरूरी है। अब इस पर जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठाए हैं। हरिद्वार पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि कोरोना सरकार के इशारे पर चलता है। कम से कम सरकार के रुख से तो ऐसा ही लग रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जब चाहती है। कोरोना के आंकड़े बढ़ा देती है और जब चाहती है। तब कोरोना के आंकड़े कम कर देती है।
शंकराचार्य के मुताबिक, 12 वर्षों में आने वाला महाकुंभ हिंदू मान्यता के लिए एक अनोखा योग है। सरकार इसमें आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगाने के लिए अलग-अलग तरह की गाइडलाइन बना रही है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार जब जैसे चाहती है। वैसे गाइडलाइन कोरोना वायरस को लेकर बना रही है। जबकि हकीकत यह है कि चुनाव के समय सरकार कोरोना वायरस को भूल रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां कोरोना कहां गया? जैसे ही चुनाव खत्म होने लगे हैं कोरोना वायरस कैसे लौटने लगा? शंकराचार्य ने कहा कि यह बातें प्रमाणित करती हैं की कोरोना सरकार के कब्जे में है। सरकार जब और जहां चाहती है उसे छोड़ देती है और जब चाहे उसका बटन बंद कर देती है।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेवजह न किया जाए परेशान
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सरकार को चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस जांच के नाम पर महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेवजह परेशान न किया जाए। श्रद्धालुओं को आने की खुली छूट हो। तभी वह कुंभ और यहां आने वाले संतों के पुण्य के भागी बन सकते हैं। शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर कभी कहती है कुंभ होगा, कभी कहती है कुंभ नहीं होगा। जिससे श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। कोरोना टेस्ट रिपोर्ट का झमेला भी श्रद्धालुओं को परेशान कर रहा है। शंकराचार्य ने चेतावनी दी है कि सरकार हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्नान में रोड़ा न डाले।