कोरोना वायरस बहुरुपिया बन चुका है, यह वैज्ञानिकों को अपने नए रुप से चकमा दे रहा है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि डेल्टा वायरस ने अपना रूप बदल लिया है। अध्ययन में पता चला है कि रूप बदलने के बाद अब वायरस पर एंटीबॉडी कॉकटेल दवा भी असरदार नहीं रह गई है। यह वायरस अपने आप को डेल्टा प्लस में म्यूटेट कर चुका है। म्यूटेट करने के कारण वायरस का यह रूप और खतरनाक हो गया है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस बहुरुपिया बन चुका है, यह वैज्ञानिकों को अपने नए रुप से चकमा दे रहा है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि डेल्टा वायरस ने अपना रूप बदल लिया है। अध्ययन में पता चला है कि रूप बदलने के बाद अब वायरस पर एंटीबॉडी कॉकटेल दवा भी असरदार नहीं रह गई है। यह वायरस अपने आप को डेल्टा प्लस में म्यूटेट कर चुका है। म्यूटेट करने के कारण वायरस का यह रूप और खतरनाक हो गया है।
बता दें कि डेल्टा वेरियंट (B.1.617.2) को अब तक का सबसे संक्रामक वायरस बताया जा रहा था। दूसरी लहर को तेजी से बढ़ने के लिए वैज्ञानिक इस वेरिएंट को अहम कारक मान रहे हैं।
डेल्टा प्लस में बदल गया है डेल्टा वर्जन
वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अब और भी संक्रामक AY.1 या डेल्टा+ में बदल गया है। बता दें कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल को अभी तक कोरोना के इलाज में सबसे कारगर दवा बताया गया था।
इंग्लैंड में डेल्टा के 63 जीनोम की पहचान
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य विभाग की एक कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने डेल्टा वर्जन के 63 जीनोम की पहचान की है।
भारत में डेल्टा प्लस के 6 मामले
बता दें कि कोरोना वैरिएंट पर पिछले शुक्रवार तक अपडेट की गई रिपोर्ट में भारत ने डेल्टा प्लस के 6 मामले दर्ज किए थे। डेल्टा प्लस के मामले सामने आने के बाद वैज्ञानिकों के बीच एक बार फिर चिंता की स्थिति बन गई है।