इन दिनों कांग्रेस पर मानों ग्रहण चल रहा है। आए दिन नेता मंत्री दल परिवर्तन कर रहे हैं, अभी हाल ही में आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने भाजपा का दामन थामा था। वहीं कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस के पूर्व नेता और देश के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन भाजपा में शनिवार को शामिल हो गए।
नई दिल्ली: इन दिनों कांग्रेस पर मानों ग्रहण चल रहा है। आए दिन नेता मंत्री दल परिवर्तन कर रहे हैं, अभी हाल ही में आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने भाजपा का दामन थामा था। वहीं कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस के पूर्व नेता और देश के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन भाजपा में शनिवार को शामिल हो गए।
आखिर क्यों दिया इस्तीफा
बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता सीआर केशवन ने इस्तीफा देते हुए लिखा कि वह पार्टी के लिए बीते दो दशकों से काम कर रहे हैं लेकिन अब उन मूल्यों में कमी आई है, जो उन्हें पार्टी के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के साथ सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।
पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी की जन-केंद्रित नीतियां, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और सुधार-आधारित समावेशी विकास एजेंडा ने भारत को एक नाजुक अर्थव्यवस्था से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदल दिया है।
जाने कितने साल कांग्रेस को दिए
गौरतलब है कि सीआर केसवन ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के साथ 22 सालों से काम कर रहे हैं। लेकिन पार्टी के मूल्यों में बदलाव हुए हैं। जिसके बाद से वह वहां पर सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे जिसके बाद से वह पार्टी से इस्तीफा दे दिया। केसवन ने कहा कि जब द्रौपदी मुर्मू जी के नाम का एलान किया गया था, तब एक वरिष्ठ कमेटी सदस्य ने कहा था कि वह दुष्ट दर्शन का प्रतिनिधित्व करती हैं।