एक के बाद एक चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी कर रही है। पार्टी की नजर विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव पर है। चुनाव में जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही है।
नई दिल्ली। एक के बाद एक चुनाव हार चुकी कांग्रेस (Congress) अब खुद को बदलने की तैयारी कर रही है। पार्टी की नजर विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव पर है। चुनाव में जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी जातीय(caste) समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही है। इस सिलसिले की शुरुआत 28 सितंबर को हो रही है।
गुजरात के दलित(Dalit leader) नेता जिग्नेश मेवानी और जेएनयू(JNU) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार इसी दिन कांग्रेस के होने जा रहे हैं। कांग्रेस मुख्यालय में उनके और गुजरात (Gujrat) से विधायक जिग्नेश मेवानी को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। कन्हैया कुमार का ताल्लुक बिहार के बेगुसराय है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(Communist party of india) के टिकट पर किस्मत भी आजमाई थी, पर वह भाजपा के गिरिराज सिंह से चुनाव हार गए। वर्ष 2017 के चुनाव में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिगड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं, अल्पेश ठाकोर भाजपा में चले गए। पर जिग्नेश मेवाणी ने कभी कोई समझौता नहीं किया और वह लगातार भाजपा से लड़ते रहे हैं।