मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की तस्वीरें शेयर कर उनकी निलामी करने वाली एप्प बनाने वाले क्रिएटर नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका दिल्ली कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐप पर अपमानजनक एवं सांप्रदायिक रंग वाली सामग्री के साथ मुस्लिम महिलाओं के विरुद्ध मानहानिकारक अभियान चलाया जा रहा था।
नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की तस्वीरें शेयर कर उनकी निलामी करने वाली बुल्ली एप्प(Bulli App) बनाने वाले क्रिएटर नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका दिल्ली कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐप पर अपमानजनक एवं सांप्रदायिक रंग वाली सामग्री के साथ मुस्लिम महिलाओं के विरुद्ध मानहानिकारक अभियान चलाया जा रहा था। ऐप पर अपमानजनक एवं सांप्रदायिक रंग वाली सामग्री के साथ मुस्लिम महिलाओं के विरुद्ध मानहानिकारक अभियान चलाया जा रहा था।
बिश्नोई (22) (Niraj Bishnoi) ने अदालत से कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है और उसका इस अपराध से कोई लेना-देना नहीं है। शिकायतकर्ता के वकील ने इस जमानत अर्जी का विरोध किया। इस ऐप पर 100 से अधिक जानी-मानी महिलाओं का ब्योरा है और ऐप यूजर्स को इन महिलाओं की ‘नीलामी’ में भाग लेने की अनुमति देता है। बिश्नोई असम के जोरहाट जिले के दिगंबर इलाके का रहने वाला है और वह वेल्लूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी में बीटेक(B tech) का छात्र है।
उसे इस माह के प्रारंभ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस यूनिट की टीम ने असम से बुल्ली बाई प्रकरण में गिरफ्तार किया था। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा(Megistrate Pankaj Sharma) ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि बिश्नोई की हरकत खास समुदाय की महिलाओं की गरिमा एवं समाज के सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रहार है।