कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। भगवान कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी कहे गए हैं। इन्हें मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान है।
Dhanteras 2021: कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। भगवान कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी कहे गए हैं। इन्हें मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान है। जिस तरह धनतेरस पर माता लक्ष्मी का पूजन होता है। उसी तरह कुबेर देव की भी पूजा की जाना चाहिए। सुख, समृद्धि देने की मान्यता वाला ये पर्व इस साल 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन प्रदोष काल शाम 5:37 से रात 8: 11 बजे तक है, जबकि वृष काल शाम 6.18 से रात 8.14 तक रहेगा। ऐसे में धनतेरस पर पूजन शुभ मुहूर्त शाम 6.18 बजे से रात 8.11 बजे तक रहेगा।
ऐसी मान्यता है कि धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है।
कहीं -कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर लोग धनिया के बीज खरीद कर भी घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।
कुबेर मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतयेधनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
2. कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
कुबेर का षोडशाक्षर मंत्र
ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:।
धन प्राप्ति की कामना करने वाले साधकों को कुबेर जी का यह मंत्र जपना चाहिये। इसके नियमित जप से साधक को अचानक धन की प्राप्ति होती है।
3. कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥