सनातन धर्म में जीवन को निरोगी और उल्लास पूर्वक जीने के लिए समय समय पर भगवान के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है।
Dhanteras 2022 : सनातन धर्म में जीवन को निरोगी और उल्लास पूर्वक जीने के लिए समय समय पर भगवान के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है। देवताओं के वैद्य और आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरि की विशेष पूजा करने की परंपरा है। भगवान धन्वंतरी को विष्णु का अवतार माना गया है। दिवाली से दो दिन पहले धनवंतरि जयंती मनाई जाती है। पौराणिके ग्रथों के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान विष्णु ने धन्वंतरी के रूप में अवतार लिया था इस वर्ष धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन से धनवंतरि भगवान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।
इस दिन खरीदारी करने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है
धन्वंतरी भगवान को चिकित्सा का जनक माना गया है। इनका जन्म लोक कल्याण के उद्देश्य से हुआ था। धनतेरस पर धन्वंतरी भगवान की पूजा करने से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। धन्वंतरी भगवान की चार भुजाएं होती हैं। एक हाथ में उनके आयुर्वेद ग्रंथ तो दूसरे हाथ में औषधि कलश होता है। तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे हाथ में शंख होता है।
मंत्र
ऊं नमो भगवते वासुदेवय धन्वंतरे अमृत कलश हस्तय सर्वमाया विनाश्य त्रैलोक्य नाथय