हिंदू धर्म में दीपमालाओं का पर्व दिवाली का विशेष महत्व है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष की दीपावली ग्रहों नक्षत्रों का दृष्टि से चमत्कारिक होने वाली है।
Diwali 2021: हिंदू धर्म में दीपमालाओं का पर्व दिवाली का विशेष महत्व है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष की दीपावली ग्रहों नक्षत्रों का दृष्टि से चमत्कारिक होने वाली है। इस साल दिवाली 4 नंवबर को मनाई जाएगी। इस बार पर्व के दिन 4 ग्रह एक ही राशि में रहेंगे और ऐसा संयोग दुर्लभ ही बनता है। दीपावली के दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे।
दिवाली में लिए लक्ष्मी पूजन करना चाहिए। इसके लिए महालक्ष्मी के महामंत्र ‘ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्मयै नम:’ का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
दरिद्रता नाश के लिए कोई भी प्रयोग सफल नहीं हो रहा है तो मां दुर्गाजी के यंत्र, प्रतिमा, चित्र के सामने इस मंत्र का जाप करें। ‘ऐं श्रीं ऐं यं रं लं वं दुर्ग तारिण्यै देन्य नाशिन्ये स्वाहा।।’ इसके अलावा जप कर नित्य एक माला जपें। दो माह बाद प्रभाव दृष्टिगोचर होगा।
‘ॐ श्रीं श्रियै नम:।’
‘ॐ कमलवासिन्यै श्रीं श्रियै नम:।’
‘ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।’
‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ह्रीं नम:।’
‘ॐ श्रीं नम:।’