सनातन धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
Diwali 2023 : सनातन धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे से लेकर 13 नवंबर को दोपहर 02:56 बजे तक है। उदयातिथि के आधार पर 13 नवंबर को कार्तिक अमावस्या है। पौराणिक मान्यता है कि दीपावली के दिन माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं। इस दिन घरों में दीपक जलाए जाते हैं। गाय के घी का दीपक आनंद और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। दिवाली को लेकर शकुन शास्त्र (Shakun Shastra) में भी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं। आइये जानते हैं कि दिवाली की रात किन जीवों का दिखाई देना शुभ माना जाता है।
उल्लू
दिवाली की रात अगर आपको उल्लू नज़र आ जाये तो इसको बहुत शुभ माना जाता हैं उल्लू को मां लक्ष्मी की सवारी माना जाता है। देखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
छछूंदर
लेकिन दिवाली की रात को छछूंदर देखना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि दिवाली की रात इसको देखने से घर में धन-सम्पदा की कमी नहीं रहती है।
बिल्ली
दिवाली की रात बिल्ली का दिखना भी बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि दिवाली पूजा के बाद अगर आपको घर में या आस-पास कहीं भी बिल्ली नजर आ जाये तो ये मां लक्ष्मी के आने का सूचक होता है। दिवाली पर बिल्ली देखने से घर में लक्ष्मी और खुशियां आने लगती हैं।
छिपकली
शकुन शास्त्र (Shakun Shastra) के मुताबिक दिवाली की रात अगर आपको छिपकली नजर आये तो इसको भगाएं नहीं। क्योंकि दिवाली की रात को छिपकली देखना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इससे घर में खुशियां और सुख-समृद्धि आने लगती है।
गाय
दिवाली की रात गाय देखना बहुत शुभ माना जाता है। गाय देवत्व का प्रतीक मानी जाती है, इसलिए कहा जाता है कि दिवाली के दिन या रात में गाय दिखाई देने से घर में सुख-समृद्धि और खुशियों का वास होता है।