डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ (Dr APJ Abdul Kalam Technical University Lucknow) परिसर में मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के निर्देशन में पूर्व राष्ट्रपति व भारतरत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि (Dr. APJ Abdul Kalam Death Anniversary) मनाई गई।
लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ (Dr APJ Abdul Kalam Technical University Lucknow) परिसर में मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के निर्देशन में पूर्व राष्ट्रपति व भारतरत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि (Dr. APJ Abdul Kalam Death Anniversary) मनाई गई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर स्थित मिसाइलमैन (Missileman) कलाम साहब प्रतिमा पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. विनीत कंसल, कुलसचिव नंद लाल सिंह सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रतिकुलपति प्रो कंसल ने कहा कि हमें कलाम साहब के जीवन मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी (covid pandemic) से निपटने के लिए देश ही नहीं विश्व को कलाम साहब सरीखे वैज्ञानिकों की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव नंद लाल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पाठक के नेतृत्व में कलाम साहब के मिशन एवं विजन को साकार करने के लिए सफल प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की सुनिश्चितता के साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रहा है।
देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम यानि अबुल पाकिर जैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम का 27 जुलाई 2015 को निधन हुआ था। मिसाइल मैन आखिरी सांस तक देश सेवा के मिशन में ही लगे रहे। कलाम ने आईआईएम मेघालय के शिलॉन्ग में जब लेक्चर दे रहे थे तभी उनका निधन हो गया।
हर किसी को सपने देखने की सीख देने वाले अब्दुल कलाम की 6वीं पुण्यतिथि पर देश उनको नमन कर रहा है। एक छोटे से कस्बे से उठकर अपने दम पर अग्नि की उड़ान भरने वाले कलाम ने देश के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल भी संभाला।
आइए बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में
-कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वर में एक मछुआरे के परिवार में जन्मे थे। तंगहाली के दौर में वह स्कूल की पढ़ाई के लिए अखबार बांटकर पैसे जुटाते थे।
-देश के एक सफल वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम कई वर्षों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और इसरो को सेवाएं दीं। उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है।
-डॉ. कलाम बच्चों से बेहद प्यार करते थे। कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया। उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं।
-1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार और वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया।
-कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया था।
-अब्दुल कलाम भले ही मुस्लिम थे, लेकिन वह कुरान और भगवत गीता दोनों ही पढ़ा करते थे।
-ऐसा कहा जाता है कि कलाम ने अपनी पूरी प्रोफेशनल जिंदगी में केवल 2 छुट्टियां ली थीं। एक, अपने पिता की मौत के समय और दूसरी, अपनी मां की मौत के समय।
-राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कलाम के परिवार और रिश्तेदारी के 52 लोग उनसे मुलाकात करने आए थे। वे कुल 8 दिनों तक राष्ट्रपति भवन में रहे और लेकिन कलाम ने उनके रहने, खाने, घूमने का एक-एक रुपया अपनी जेब से चुकाया था।