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डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को मुश्किलों से निकाला; भारतीयों को नहीं भूलने चाहिए ये 10 बड़े योगदान

Manmohan Singh News: देश के आर्थिक सुधारों के निर्माता और दो बार के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब नहीं रहे। उन्होंने गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्तपाल में अंतिम सांसें लीं। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश दुखी है और उनके योगदान को याद कर रहा है। जिससे जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि वह देश के एकमात्र प्रधानमंत्री रहे हैं, जिनके नोट करेंसी पर हस्ताक्षर हैं।

By Abhimanyu 
Updated Date

Manmohan Singh News: देश के आर्थिक सुधारों के निर्माता और दो बार के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब नहीं रहे। उन्होंने गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्तपाल में अंतिम सांसें लीं। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश दुखी है और उनके योगदान को याद कर रहा है। दरअसल, डॉ. मनमोहन सिंह ने साल 2004 और फिर 2009 में लगातार दो बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। इससे दौरान साल 2004 से 2007 के बीच देश की अर्थव्यवस्था ने ऐसी रफ्तार पकड़ी थी, जो किसी भी दौर में नहीं हुआ था।

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डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान साल 2007 में भारत की जीडीपी ने ऐतिहासिक तौर पर 8 से 9 प्रतिशत ग्रोथ रेट हासिल किया है और भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई थी। वहीं, प्रधानमंत्री बनने से पहले मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर की जिम्मेदारी संभाली थी। मनमोहन सिंह की अर्थशास्त्र में गहरी पकड़ और 1991 में देश में किए गए ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के लिए उन्हें याद किया जाता है।

भारत के लिए डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान

1- डॉ. मनमोहन सिंह 16 सितंबर 1982 से लेकर 14 जनवरी 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर रह चुके हैं।

2- साल 1991 में पी वी नरसिम्ह राव की सरकार के दौरान उन्होंने वित्त मंत्रालय की बागडोर संभाली थी, उस समय भारत की अर्थव्यवस्था बहुत गहरे संकट में थी। उन्होंने केंद्रीय बजट 1991-92 के माध्यम से देश में नए आर्थिक युग की शुरुआत की।

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3- डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), रुपये के अवमूल्यन, करों में कटौती और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की अनुमति देकर एक नई शुरुआत की।

4- डॉ. मनमोहन सिंह की नीतियों ने ही भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण की दिशा में ले जाने का काम किया।

5- प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह साल 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लेकर आए और बिक्री कर की जगह मूल्य वर्धित कर (वैट) लागू हुआ।

6- मनमोहन सिंह ने देश भर में 76,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना लागू कर करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाने का काम किया।

7- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साल 2008 की वैश्विक वित्तीय मंदी के समय भी देश का नेतृत्व किया और मुश्किल स्थिति से निपटने के लिए एक विशाल प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की।

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8- मनमोहन सिंह की सरकार कार्यकाल में ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के माध्यम से ‘आधार’ की शुरुआत हुई।

9- प्रधानमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान देश भर में बैंक शाखाएं खोली गईं।

10- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में भोजन का अधिकार और बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम जैसे अन्य सुधार भी हुए।

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