नवाबों के समय से लखनवी ठाठ पान के बिना पूरे नहीं होते हैं। यहां खाने के बाद आखिर में पान दिया जाता है इसके बिना मेहमानदारी अधूरी मानी जाती थी। बदलते समय के साथ साथ पान का चलन कम हो गया फिर भी कई लोग हैं जिन्हें पान खाने का शौक होता है।
Benefits of eating betel leaf: नवाबों के समय से लखनवी ठाठ पान के बिना पूरे नहीं होते हैं। यहां खाने के बाद आखिर में पान दिया जाता है इसके बिना मेहमानदारी अधूरी मानी जाती थी। बदलते समय के साथ साथ पान का चलन कम हो गया फिर भी कई लोग हैं जिन्हें पान (betel leaf) खाने का शौक होता है।
पान (betel leaf) का इस्तेमाल पूजा में भी किया जाता है। पान के बिना पूजा भी अधूरी मानी जाती है। पर क्या आप जानते हैं पान खाने से सेहत को भी कई फायदे होते हैं। पान बॉडी में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालने में हेल्प करता है।
पान के पत्ते (betel leaf) के साथ सुपारी भी खाई जाती है। पान और सुपारी एक न्यूरोलॉजिकल उत्तेजक है। इसे खाने से नसें हल्की हो जाएंगी। इतना ही नहीं पान खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। पेट की तमाम दिक्कतों में भी आराम दिलाता है।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने पान खाने से होने वाले फायदों के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि पान के पत्ते (betel leaf) में विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते है। जो शरीर को हेल्द रखने में मदद करते है। रात में खाने के बाद पान और सुपारी खाने से पाचन बेहतर होता है।
अगर विशेषज्ञों की माने तो पान औषधीय गुणों से भरपूर होते है। सद्गुरु ने बताया कि शरीर में अगर विषैले पदार्थ जमा हो गए हो तो वो मल के के जरिए बाहर निकल जाते है।
पान के पत्ते (betel leaf) में एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते है। जो चोट या घाव और सूजन को कम करने में हेल्प करता है। खाने के पान खाने से ओरल हेल्थ बेहतर होती है। पान एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते है। जो मुंह के बैक्टीरिया को मारता है और मुंह के छालों में आराम देता है।