. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University) का 26 वां दीक्षांत समारोह सोमवार को स्वामी विवेकानंद सभागार में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रयाराज हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरविन्द कुमार त्रिपाठी रहे। कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया।
अयोध्या। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University) का 26 वां दीक्षांत समारोह सोमवार को स्वामी विवेकानंद सभागार में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रयाराज हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरविन्द कुमार त्रिपाठी रहे। कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया। समारोह को संबोधित करती हुई राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह के शुभ अवसर पर आप सबके बीच यहां उपस्थित होने पर मैं अत्यंत प्रसन्नता एवं गौरव का अनुभव कर रही हूं।
राष्ट्र के विकास में विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यहां उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती है। विद्यार्थियों को ज्ञान-शील बनाने के साथ-साथ उन्हें एक आदर्श नागरिक के रूप में विकसित करना भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य होता है। यहां पर उपस्थित बहुत से विद्यार्थी अपनी आजीविका के लिए अपने जीवन के नए चरण में प्रवेश करेंगे। एक वास्तविक शिक्षक वह है जो विद्यार्थियों के स्तर पर आकर उन्हें समझाने का प्रयास करता है और अपने ज्ञान का स्थानांतरण उनमें करता है।
शिक्षक ज्ञान के निर्माण की प्रक्रिया में विद्यार्थियों के साथ भागीदारी निभाएं एवं कक्षा में ज्ञान सृजन के लिए लोकतांत्रिक वातावरण का निर्माण करें। सा विद्या या विमुक्तये अर्थात विद्या वह है जो हमें बंधनों से मुक्त कर अपना कर्तव्य करना सिखाए। एक समृद्ध जीवन जीने के लिए शिक्षा का होना जरूरी है और किसी भी देश का भविष्य उसके नागरिकों के शैक्षणिक स्थिति पर निर्भर करता है।
किसी भी देश का विकास उस देश के अपनी भाषा से जुड़ा होता है। नई शिक्षा नीति में मातृ-भाषाओं पर पर्याप्त बल दिया गया है।
मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने से यह विद्यार्थियों को उनकी पसंद के विषय और भाषा को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुझे प्रसन्नता हो रही है कि अवध विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली एवं शैक्षिक वातावरण में सकारात्मक रूपांतरण हो रहा हैं। एकता दिवस के अवसर पर सरदार पटेल राष्ट्रीय एकात्मकता भवन, मल्टीपर्पज लेक्चर हॉल, कंपलेक्स भवन तथा इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी भवन का वर्चुअल शिलान्यास मेरे द्वारा किया गया।
वर्तमान में विश्व विद्यालय में कुल 80 समसामयिक विषयों में अध्ययन अध्यापन का कार्य संचालित करना एक सराहनीय कार्य है। ग्रामीण अंचलों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना उत्तर प्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय है। विश्वविद्यालय को आगगनवाणी में जाकर यह देखना होगा कि उनकी स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है कि नही। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए 10 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए मैं आप सभी को शुभकामनाएं देती हूं। विश्वविद्यालय इसी तरह अपने आसपास के क्षेत्रों से संबंध बनाए रखें तथा उन क्षेत्रों के शैक्षणिक विकास में सर्वदा तत्पर रहें।