बिजली कंपनियों को आगामी चार वर्षों के दौरान आठ से दस प्रतिशत तक लाइन लॉस कम करना ही होगा। कुल मिलाकर कंपनियों को आयोग ने टारगेट दे दिया है। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने 4 हजार करोड़ से अधिक का घाटा बताते हुए बिजली के टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की थी।
भोपाल। प्रदेश में लाइन लॉस कम करने में बिजली कंपनियां सफल नहीं हो रही है और यही कारण है कि अब मध्यप्रदेश विद्युत विनियामक आयोग ने लाइन लॉस कम करने के लिए निर्देश जारी किए है।
इस निर्देश के अनुसार बिजली कंपनियों को आगामी चार वर्षों के दौरान आठ से दस प्रतिशत तक लाइन लॉस कम करना ही होगा। कुल मिलाकर कंपनियों को आयोग ने टारगेट दे दिया है। हालांकि प्रदेश में पश्चिमी क्षेत्र बिजली कंपनी ने लाइन लॉस कम करने में सफलता अर्जित जरूर की है लेकिन इस कंपनी के अलावा , मध्य और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को कम नहीं कर पा रही हैं। इससे कंपनियां घाटे में चल रही हैं।
पश्चिमी क्षेत्र विद्युत कंपनी की स्थिति सबसे बेहतर
आयोग ने फिर बिजली कंपनियों को वितरण हानियां कम करने का टारगेट दिया है। इस मामले में पश्चिमी क्षेत्र विद्युत कंपनी की स्थिति सबसे बेहतर है। आयोग द्वारा कंपनी के काम की सराहना की गई है। जानकारी के अनुसार वितरण हानियों की वजह से बिजली कंपनियों को 3 हजार करोड़ से अधिक की अतिरिक्त बिजली खरीदना पड़ी। इससे टैरिफ में इजाफा हुआ।
टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की थी
गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने 4 हजार करोड़ से अधिक का घाटा बताते हुए बिजली के टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की थी। आयोग ने कंपनियों की इस मांग को स्वीकार नहीं किया है। मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने साल 2023-24 से 2026-27 तक की गाइडलाइन बिजली कंपनियों के लिए जारी की है। इसके तहत आयोग ने अब लाइन लॉस कम करने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अगले चार साल में बिजली कंपनियों को 8 से 10 फीसदी तक लाइन लॉस कम करना होगा। अगर बिजली कंपनियां अपना लाइन लॉस कम कर दें, तो कंपनियों को हर साल बिजली का टैरिफ बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बढ़ाने की जगह टैरिफ कम भी किया जा सकता है।