समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपा राज में लोकतंत्र की रक्षा की अपेक्षा करना (Expecting BJP to Protect Democracy) , दिन में तारे ढूंढना है। उन्होंने कहा कि ये बाहुबल का घोर निंदनीय रूप है या तो पर्चा नहीं भरने दिया जाएगा या चुनाव को प्रभावित या परिणामों को किया जायेगा । यादव ने कहा कि हार का डर ही जनमत को कुचलता (fear of defeat crushes public opinion) है।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपा राज में लोकतंत्र की रक्षा की अपेक्षा करना (Expecting BJP to Protect Democracy) , दिन में तारे ढूंढना है। उन्होंने कहा कि ये बाहुबल का घोर निंदनीय रूप है या तो पर्चा नहीं भरने दिया जाएगा या चुनाव को प्रभावित या परिणामों को किया जायेगा । यादव ने कहा कि हार का डर ही जनमत को कुचलता (fear of defeat crushes public opinion) है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 22, 2022
आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद अखिलेश यादव मंगलवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया है। बता दें कि हाल में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से विधायक बने रहने का फैसला किया है। अखिलेश के इस फैसले के पीछे कहीं न कहीं यूपी में रहकर अपनी राजनीति को केंद्रित करने की तैयारी मानी जा रही है। इसके अलावा सपा सांसद आजम खान के भी इस्तीफा देने की खबर आ रही है।
हालांकि कयास लगाए जा रहे थे कि वह करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर लोकसभा की सदस्यता कायम रख सकते हैं, लेकिन मंगलवार को जिस तरह से उन्होंने संसद पहुंचकर लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा है उससे साफ हो गया है कि अब वह प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय रहना चाहते हैं।
एमएलसी चुनाव पर पूरा ध्यान देना चाहते हैं अखिलेश यादव
माना जा रहा है कि अब वह अपना पूरा ध्यान एमएलसी चुनाव पर लगाने वाले हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि एमएलसी चुनाव बड़ी चुनौती है। इसमें प्रशासन से भी लड़ना है। एमएलसी चुनाव में प्रत्याशियों के नाम पर यादव न लिखे जाने के सवाल पर कहा कि भाजपा यदि जातिवादी राजनीति करें तो वह सोशल इंजीनियरिंग है, लेकिन जब समाजवादी पार्टी करती है तो वह जातिवाद। भाजपा पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जहां पर माफियाओं को एमएलसी चुनाव जिताना है। वहां पर भाजपा प्रत्याशी नहीं लड़ा रही है।