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पति ने कैब ड्राइबर से शुरू किया सफर और अब पत्नी रेणुका जगतियानी ने अमीरों लिस्ट में हासिल किया 44वां स्थान

भारत की नई अ​रब​पति लैंडमार्क ग्रुप की सीईओ (Landmark Group CEO) रेणुका जगतियानी (Renuka Jagtiani)  के डिक्शनरी में असंभव शब्‍द नहीं है। मुश्किलों को मात देकर सफलता का स्वाद तो बहुत लोग चखते हैं, लेकिन कहानियां केवल उन्हीं लोगों की बनती हैं, जो धारा के विपरीत चलकर कामयाबी हासिल कर लेते हैं।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली: भारत की नई अ​रब​पति लैंडमार्क ग्रुप की सीईओ (Landmark Group CEO) रेणुका जगतियानी (Renuka Jagtiani)  के डिक्शनरी में असंभव शब्‍द नहीं है। मुश्किलों को मात देकर सफलता का स्वाद तो बहुत लोग चखते हैं, लेकिन कहानियां केवल उन्हीं लोगों की बनती हैं, जो धारा के विपरीत चलकर कामयाबी हासिल कर लेते हैं।

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कैब चलाकर परिवार चलाने वाले पति मिकी जगतियानी (Micky Jagtiani)  का साथ तो मिला, लेकिन जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तो वो बहुत दूर जा चुके थे। पत्नी ने हार नहीं मानी। पति की मौत का सदमा और तीन बच्चों की जिम्मेदारी उठाते हुए उन्होंने कारोबार को मुश्किल दौर में न केवल संभाला बल्कि उनके मुनाफे की ओर ले गईं। ये कहानी है रेणुका जगतियानी (Renuka Jagtiani) की। फोर्ब्स की लिस्ट (Forbe’s List) में उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल किया गया है। भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में उन्हें 44वां स्थान मिला है। उन्होंने 40 हजार करोड़ की कंपनी को न केवल संभाला बल्कि मुनाफे वाली कंपनी बना दी।

रेणुका जगतियानी के पति दिवंगत मिकी जगतियानी (Micky Jagtiani)  किसी कारोबारी घराने या दौलतमंद परिवार से संबंध नहीं रखते थे। मिकी जगतियानी ने अपने दम पर अपना कारोबार खड़ा किया। भारत में जन्मे और पले-बढ़े मिकी 17 साल की उम्र में अकाउंट की पड़ाई करने लदंन गए। पढ़ाई और रहने-खाने के खर्च को पूरा करने के लिए वो वहां कैब चलाया करते थे। पैसों की दिक्कत की वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़नी पड़ गई। किसी तरह से कैब चलाकर वो परिवार को चला रहे थे। सब ठीक हुआ ही था कि साल 1973 में अचानक उनके माता-पिता और भाई की मौत हो गई। उन्हें लदंन छोड़कर बहरीन जाना पड़ा। भाई की मौत के बाद मिकी ने उनकी खिलौने की दुकान संभाल ली। यहीं से उनकी किस्मत पलट गई।

10 सालों तक उन्होंने भाई के खिलौने की दुकान को सफलता के साथ चलाया। धीरे-धीरे उनके और आउटलेट्स खोलते चले गए। इसी बीच खाड़ी युद्ध शुरू हो गया और उन्हें सब छोड़कर दुबई शिफ्ट होना पड़ा। यहीं से उन्होंने लैडमार्क ग्रुप (Landmark Group) की शुरुआत की। फैशन, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, फर्नीचर और बजट होटल जैसे कारोबार में हाथ आजमाया। कुछ ही सालों में उनकी दौलत बढ़कर 5.2 अबर डॉलर यानी करीब 45 हजार करोड़ रुपये पहुंच गई। लैंडमार्क ग्रुप (Landmark Group) मिडिल ईस्‍ट, अफ्रीका और इंडिया में अपना कारोबार फैला चुका था। दुनियाभर में इसके 2200 आउटलेट हैं और देशभर में 3 करोड़ वर्गफुट की जगह में यह रिटेल कारोबार चल रहा है। दुनिया के 21 देशों में इस समूह का कारोबार है।

सब ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन अचानक मिकी की तबियत बिगड़ने लगी। लंबे वक्त तक वो बिस्तर पर पड़े रहे। इसी साल मई महीने में उनकी मौत हो गई। पति की मौत और तीन बच्चों की जिम्मेदारी संभालते हुए रेणुका ने हिम्मत नहीं हारी। न तो उनके पास कारोबार चलाने का अनुभव था न कि कोई सिखाने वाला। मिकी ने साल 1993 में ही उन्हें कंपनी के बोर्ड में शामिल कर दिया था। उन्हें काम सिखाते रहे। वहीं सीख पति के जाने के बाद उनके काम आई। उन्होंने लैंडमार्क को न केवल संभाला बल्कि मुनाफे वाली कंपनी बनाकर रखी। आज उनकी गिनती भारत के अरबपतियों में होती है।

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रेणुका जगतियानी  1993 से समूह का  देख रही हैं काम

रेणुका जगतियानी (Renuka Jagtiani)  साल 1993 से ही लैंडमार्क ग्रुप (Landmark Group) में काम कर रही हैं। रेणुका ने लैंडमार्क समूह (Landmark Group)की कॉर्पोरेट रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इसी की बदौलत लैंडमार्क ग्रुप (Landmark Group) क्षेत्र का सबसे बड़ा घरेलू ब्रांड्स का ओमनीचैनल रिटेलर बना। रेणुका ने कई ब्रांड और कांसेप्‍ट बनाए। एक दशक पहले ही उन्‍होंने ग्रुप का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कर दिया। वे पति से मिले बिजनेस को खूब आगे ले जा रही हैं। उनके बच्‍चे-आरती, निशा और राहुल हैं। तीनों ही लैंडमार्क समूह (Landmark Group) के डायरेक्‍टर्स हैं। Landmark Group का होटल व्यवसाय भी तेजी से आगे बढ़ रहा है और रेणुका की दौलत में भी उसी तेजी से इजाफा हो रहा।

फोर्ब्स की 2024 रिच लिस्ट में शुमार रेणुका जगतियानी (Renuka Jagtiani)  लैंडमार्क ग्रुप (Landmark Group) को आगे बढ़ाकर बुलंदियों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। बिजनेस सेक्टर में उनके कौशल को देखते हुए कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स से नवाज़ा जा चुका है।

जनवरी, 2007 में एशियन बिज़नेस अवॉर्ड्स मिडिल ईस्ट में ‘आउटस्टैंडिंग एशियन बिज़नेस वुमन ऑफ़ द ईयर’ का अवॉर्ड मिला।

जनवरी, 2012 में उन्हें गल्फ़ बिज़नेस इंडस्ट्री अवॉर्ड्स में ‘बिज़नेसवुमन ऑफ़ द ईयर’ नामित किया गया।

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2014 में उन्हें वर्ल्ड एंटरप्रेन्योर फ़ोरम ने सम्मानित किया था।

जनवरी, 2015 में उन्हें इंडियन CEO अवॉर्ड्स में साल के रणनीतिक नेता के रूप में पहचाना गया।

जनवरी, 2016 में उन्हें स्टार्स ऑफ़ बिज़नेस अवॉर्ड से कैप्टन ऑफ़ द इंडस्ट्री अवॉर्ड मिला।

2017 में उन्हें वर्ल्ड रिटेल कांग्रेस में ‘हॉल ऑफ़ फ़ेम’ में शामिल किया जा चुका है।

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