देश की राजधानी दिल्ली में जी20 समिट (G20 Summit) कई मायनों में दुनिया के लिए ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) दुनिया के कई शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते है।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में जी20 समिट (G20 Summit) कई मायनों में दुनिया के लिए ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) दुनिया के कई शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते है।
व्हाइट हाउस (White House) के एक अधिकारी के बताया कि जी20 समिट में भारत (India), अमेरिका (United States), सऊदी अरब (Saudi Arabia) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी बहुत बड़ी डील होने वाली हैं। ये डील रेलवे और बंदरगाहों से सबंधित होगी। मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाले एक बहुराष्ट्रीय रेल और बंदरगाह सौदे की घोषणा शनिवार को जी20 समिट के मौके पर की जाएगी।
बेहद महत्वपूर्ण होगा यह समझौता
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन वैश्विक बुनियादी ढांचे पर चीनी बेल्ट का मुकाबला करना चाहते हैं। इसलिए यह डील एक महत्वपूर्ण समय पर किया जा रहा है। बाइडन की जी20 समूह में विकासशील देशों के लिए वाशिंगटन को एक वैकल्पिक भागीदार और निवेशक के रूप में पेश करने की योजना है।
इस डील पर जानें कौन देश करेंगे हस्ताक्षर?
इस डील के लिए एक समझौता ज्ञापन पर यूरोपीय संघ (European Union), भारत(India) , सऊदी अरब (Saudi Arabia), संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates), संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) और अन्य जी20 भागीदारों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर (US Deputy National Security Advisor John Finer) ने कहा कि इन प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ना एक बहुत बड़ा अवसर है। यह डील की धनराशि कितनी है? इस पर अब तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है।
जानें इस डील का क्या है उद्देश्य?
नई दिल्ली में आयोजित जी20 समिट (G20 Summit) में अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर (US Deputy National Security Advisor John Finer) ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस डील से क्षेत्र के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को बेहद लाभ पहुंचेगा। इससे वैश्विक वाणिज्य (Global Commerce) में मध्य पूर्व के लिए महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि इसका उद्देश्य मध्य पूर्व के देशों को रेलवे से जोड़ना और उन्हें बंदरगाह द्वारा भारत से जोड़ना है, जिससे शिपिंग समय, लागत और ईंधन के उपयोग में कटौती करके खाड़ी से यूरोप तक ऊर्जा और व्यापार के प्रवाह में मदद मिलेगी।