प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश के जन्मोत्सव को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म में भगवान गणेश भक्त आज के दिन शुभ मुहूर्त पर भगवान की प्रतिमा स्थापित करते है।
Ganesh Chaturthi 2022 : प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश के जन्मोत्सव को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म में भगवान गणेश भक्त आज के दिन शुभ मुहूर्त पर भगवान की प्रतिमा स्थापित करते है। भक्त गण अपने अपने घरों में भगवान की प्रतिमा को स्थापित करते है। पूरे विधि विधान से भक्त भगवान के लिए पंड़ाल को सजाते है। देवाधिपति गणपति भगवान के जन्मोंत्सव का पवित्र पर्व इस साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी यानि 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। इस बार गणेश चतुर्थी पर ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है। इस गणेश चतुर्थी पर चार प्रमुख ग्रह अपनी.अपनी राशि में मौजूद रहेंगें पंचांग के मुताबिक, सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, गुरु मीन राशि में और शनि मकर राशि में विराजमान रहेंगे, गणेश चतुर्थी पर ग्रहों का ऐसा संयोग 300 साल बाद बना है।
पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए प्रातः:काल 11:05 से दोपहर 01:38 बजे के बीच सबसे उत्तम योग बन रहा है. अत: गणपति के भक्तों को उनकी इसी समय विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
इस दिन भगवान गणेश की पूजा से जुड़ी सभी सामग्री जैसे , फल, लाल फूल,दूर्वा, कलश, गंगाजल,चौकी, लाल वस्त्र, रोली, मोली, चंदन, जनेऊ, सिन्दूर, सुपारी, पान, लौंग,इलायची, नारियल,मोदक,पंचमेवा, शुद्ध घी का दीया, धूप, कपूर आदि रख लें।
आज गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है।