नदियों में गंगा की खास महिमा है। गंगा पवित्रता की प्रतीक है। गंगा नदी को मां गंगा कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि गंगा स्नान मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं। गंगा का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है।
Ganga Saptami 2022 : नदियों में गंगा की खास महिमा है। गंगा पवित्रता की प्रतीक है। गंगा नदी को मां गंगा कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि गंगा स्नान मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं। गंगा का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। गंगा सप्तमी का दिन देवी गंगा को समर्पित है। इस दिन को गंगा पूजन और गंगा जयंती के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि, इस दिन गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।
जब शक्तिशाली गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई, तो गंगा के अवतरण को तोड़ने के लिए भगवान शिव ने उसे अपने बालों में ले लिया ताकि गंगा पूरी पृथ्वी को दूर न कर सके। बाद में भगवान शिव ने गंगा को छोड़ दिया ताकि वह भागीरथ के पूर्वजों की शापित आत्माओं को शुद्ध करने के अपने मिशन को पूरा कर सकें।
वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी या गंगा जयंती मनाई जाती है। साल 2022 में गंगा सप्तमी 08 मई 2022, दिन रविवार को है। इसी दिन गंगा जी की जयंती भी मनाई जायेगी।
वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ 07 मई 2022, शनिवार, 02:56 pm
वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त 08 मई 2022, रविवार, 05:00 pm