उन्होंने कहा कि, आज एक अप्रैल के इस कार्यक्रम पर हमारे कांग्रेस के मित्र यह बयान ज़रूर देंगे कि ये मोदी तो ‘अप्रैल फूल’ बना रहा है। लेकिन आप देखिए...एक अप्रैल को ही यह ट्रेन चल पड़ी है। यह हमारे कौशल, सामर्थ्य और हमारे आत्मविश्वास का प्रतीक है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 21वीं सदी का भारत अब नए सोच और नए अप्रोच के साथ काम कर रहा है।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी (Prime Minister Narendra Modi) ने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। वंदे भारत ट्रेन का लोकार्पण हाईटेक कमलापति रेलवे स्टेशन पर पीएम मोदी (PM Modi) ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, मध्य प्रदेश को पहली वंदे भारत ट्रेन मिली है, जो प्रदेश के लोगों को कई सुविधाएं देगी और क्षेत्र के विकास का माध्यम बनेगी। रेलवे के इतिहास में कभी बहुत कम ऐसा हुआ होगा कि एक ही स्टेशन पर इतने कम अंतराल में किसी प्रधानमंत्री का दोबारा आना हुआ हो।
यह आयोजन जिस आधुनिक और भव्य रानी कमलापित स्टेशन पर हो रहा है, उसका लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आप सबने मुझे दिया था। आज मुझे यहीं से दिल्ली के लिए भारत के आधुनिकतम वंदे भारत ट्रेन को रवाना करने का अवसर दिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि, इस आधुनिक भारत में नई व्यवस्थाएं बन रही हैं, नई परंपराएं बन रही हैं। आज का कार्यक्रम इसी का एक उत्तम उदाहरण है। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज भी कसा।
उन्होंने कहा कि, आज एक अप्रैल के इस कार्यक्रम पर हमारे कांग्रेस के मित्र यह बयान ज़रूर देंगे कि ये मोदी तो ‘अप्रैल फूल’ बना रहा है। लेकिन आप देखिए…एक अप्रैल को ही यह ट्रेन चल पड़ी है। यह हमारे कौशल, सामर्थ्य और हमारे आत्मविश्वास का प्रतीक है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 21वीं सदी का भारत अब नए सोच और नए अप्रोच के साथ काम कर रहा है।
पहले की सरकारें तुष्टीकरण में ही इतना व्यस्त रहीं कि देशवासियों के संतुष्टीकरण पर उनका ध्यान ही नहीं गया। वे वोटों के तुष्टीकरण में जुटे हुए थे और हम देशवासियों के संतुष्टीकरण में समर्पित हैं। आजादी के बाद उन्हें बना-बनाया रेलवे नेटवर्क मिला था, अगर तब की सरकारें चाहती तो बहुत तेजी से रेलवे को आधुनिक बना सकती थीं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए,रेलवे के विकास को ही बलि चढ़ा दिया गया। हाल तो यह था कि आजादी के दशकों बाद भी हमारे नॉर्थ-ईस्ट के राज्य रेलवे से नहीं जुड़े थे।