शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में एक 11 साल की बच्ची के साथ रेप किया गया। रेप के बाद उसे मारने के बाद गला दबाया गया। रेप करने वाले 20 वर्षीय युवक उसे मरा समझकर छोड़ गया लेकिन वह जिंदा बच गई। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही तब सामने आई जब अस्पताल में बच्ची का मेडिकल किया गया लेकिन उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। चार दिन बाद स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती मिली। कक्षा पांच में पढ़ने वाली बच्ची के साथ 7 जनवरी की शाम खेत में कथित रूप से रेप किया गया।
बच्ची को उसके घरवालों ने शाम को अधमरी हालत में खेतों में पड़ा पाया। बच्ची खून से लथपथ थी, उसके गर्दन पर गंभीर चोट के निशान थे। पेशे से किसान बच्ची के पिता ने कहा कि बच्ची को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और 8 जनवरी को घर वापस भेज दिया गया। डॉक्टरों ने बच्ची की हालत देखकर भी उसकी आगे की जांचें या इलाज करना मुनासिब नहीं समझा। मंगलवार को चाइल्ड लाइन की टीम ने उसकी दुर्दशा देखी और उसे सीएचसी ले गए। वहां बच्ची की हालत और गंभीर हो गई, तब स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चाइल्ड लाइन टीम की आभा सक्सेना ने कहा कि हम बच्ची की हालत देखने गांव गए थे। वहां पाया कि उसकी गर्दन पर गंभीर चोटें थीं। अस्पताल से मेडिको-लीगल जांच के बाद उसे गुपचुप छुट्टी दे दी गई थी। हम उसे अपनी गाड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। मंगलवार को, उसकी हालत खराब हो गई और उसे विधायक खुद अस्पताल ले गए। तिलहर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के विधायक रोशनलाल वर्मा ने कहा, ‘यह डॉक्टरों की ओर से स्पष्ट लापरवाही है। मैं इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करूंगा।
महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कह रही हैं कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। अगर लड़की को कुछ हुआ तो इसके लिए जिला अस्पताल जिम्मेदार होगा।’ अस्पताल के सीएमएस डॉ. यूपी सिंह ने कहा, ‘विधायक वर्मा को अस्पताल लाने के बाद लड़की को तुरंत भर्ती कराया गया था। वह लगातार निगरानी में है और हमने एक आर्थोपेडिक सर्जन से उसकी गर्दन पर लगी चोटों के बारे में राय ली है। उसकी सही स्थिति के बारे में जानने के लिए बुधवार को कुछ परीक्षण किए जाएंगे। मारपीट के कारण कमजोरी और तनाव के कारण वह बेहोश हो गई होगी। हालांकि, यहां इलाज शुरू होने के बाद उसमें काफी सुधार नजर आया है।’