हिमाचल: जैसा कि आप जनतेन हैं वेलेंटाइन वीक शुरू होने वाला है। हर कपल इस मंथ को प्यार का महीना मानतें हैं और अपने पार्टनर को स्पेशल फील कराने के लिए कुछ न कुछ खास जरूर कर्टेन हैं लेकिन अगर आप इस वेलेंटाइन वीक अपने पार्टनर को एक लव ट्रिप पर ले जाना चहतें हैं तो हिमाचल प्रदेश सबसे बेस्ट प्लेस है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों के लिए बहुत सारे ऐसे मनोरम दृश्य है।जो उनको अपनी और आकर्षित करते है जिनको देखने के लिए साल भर पर्यटक वह जाते है। यहां पर देखने लिए मंदिर, हिम्मतवार पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग का मजा और वाटर स्पोर्ट्स है। जिनका मजा कुछ अलग़ ही है और यहाँ पर बहुत सारे पुराने ऐतिहासिक किले है।
जिले कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला से मात्र 10 किलोमीटर की दुरी पर एक बहुत ही विश्व प्रसिद्ध मैक्लोडगंज स्थल है. जहा पर शान्ति के प्रतिक माने जाने वाले व तिब्बती धर्म गुरु दलाईलामा का निवास स्थान होने के कारण यह बहुत ही प्रशिद्ध है। उनके दर्शन करने के लिए देश विदेश से हजारो की तादाद में पर्यटक आते है और यहां से मात्र 10 किलोमीटर की दुरी पर त्रियुण्ड नाम से प्रसिद्ध स्थल है।
जो पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। क्योकि यहां पर ट्रेङ्क्षकग के शौकीन हजारो पर्यटक आते है। इसे मिनी इजराइल के नाम से भी जान जाता है क्योकि यहाँ पर धर्मकोट भगसुनक और नड्डी बहुत सुन्दर पर्यटक स्थल है। यह स्थान तिब्बती सरकार का मुख्यलाय भी है रह चूका है। इतने सब कुछ होते हुए भी आजतक इसे आगे बढ़ने का मोैका नहीं मिला यहाँ पर बहुत सारे स्थल ऐसे भी है जिनके बारे में पर्यटकों को अभी तक मालूम ही नहीं है।
यहां पर जो पर्यटक अपनी हिम्मत को दिखाना चाहता है। उसके लिए ट्रैकिंग के बहुत सारे रूट है। जो उसके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। क्योकि यहां पर सरकार द्वारा बहुत सारे रूट बनाये गए है। क्योकि यहां पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पेराग्लाडिंग टेक ऑफ लाइन है, और यहाँ पर इस साल विश्व पेराग्लाडिंग खेल का आयोजन किया जा रहा है और यहां पानी के अंदर खेलो के लिए डेहरा से तलवाड़ा तक महाराणा प्रताप झील फैली या पोंग बांध है। जो पर्यटकों का केंद्र बिंदु बना हुआ है। इस झील में हजारो की तादाद में पर्यटक आकर आनंद उठाते है। यहां पर ट्रेवल एजेंसी व गाइड जो पंजीकृत हो उनके द्वारा पहुंच सकते हो
यहां पर हजारो की तादाद में बहुत सुन्दर मंदिर उपस्थित है और याहा पर बौद्ध धर्म के गुरु दलाय लामा का मंदिर एवं और भी बौद्ध धर्म से सम्बंधित मंदिर है यहां पर माँ ब्रजेश्वरी, माँ चामुण्डा देवी एवं मां ज्वाला का मंदिर विश्व प्रशिद्ध है। यहा नूरपुर में मीरा कृष्ण मंदिर, बैजनाथ शिव मंदिर, आशापुरी मंदिर , महाकाल मंदिर और बहुत सारे प्रशिद्ध मंदिर है। जो आकर्षण का केंद्र बने हुए जिनके आप दर्शन कर पाओगे।
कांगड़ा में बहुत सारे किले और मंदिर है जो इतिहास के पन्नो पर अपना स्थान बना चुके है.जिसमे बैजनाथ का शिव मंदिर, नूरपुर का किला, चट्टानों को काटकर बनाया गया मसरूर मंदिर और मैक्लोडगंज की चर्च है। यहां पर पालमपुर का सौरभ वन विहार ,बड़ा भंगाल घाटी, डल झील, भागसूनाग और अन्तर्राष्ट्ीय क्रिकेट मैदान है।
यहां पर आने के लिए आप रोड ,ट्रेन व एयर तीनो यातायात के साधनो से पहुंच सकते हो। रोड से आने के लिए आपको पठानकोट ,चंडीगढ़ और दिल्ली से बस सेवा मिलेगी एवं ट्रेन से आने के लिए पठानकोट -जोगेन्दरनगर रेल लाइन से छोटी रेल लाइन जुडी हुए है। अगर हवाई यात्रा से आना चाहते हो तो आप धर्मशाला आ सकते हो क्योकि यहाँ से मात्र 14 किलोमीटर धर्मशाला है।